फ्यूज कंडक्टर चोरी मामले मे केंद्रीय खुफिया एजेंसी जाँच में जुटी :

अनिल कुमार.

मिसाइल फ्यूज कंडक्टर की बरामदगी के बाद भी अभी इस मामले का पटाक्षेप नहीं हुआ है । रेल पुलिस इसे साधारण चोरी का मामला मान रही है । लेकिन मामले की गंभीरता का अंदाजा इस बात से पता चलता है कि केंद्रीय खुफिया एजेंसी हावड़ा से पटना तक अभी भी दिन रात एक किए हुए हैं। इस मामले मे अभी भी तीन लोगों को हिरासत मे लेकर कहीं अज्ञात जगह पर रखकर खुफिया एजेंसी पूछताछ कर रही है।

फ्यूज कंडक्टर के गायब होने के बाद से अभी तक गृह मंत्रालय व रक्षा मंत्रालय से जुड़ी खुफिया एजेंसी और दूसरे एजेंसी के अफसर बिहार मे डेरा डाले हुए हैं। इस मामले मे पुलिस पर दबाव था कि किसी तरह इस मामले को शांत किया जाए। रेल पुलिस अभी भी यह साफ नहीं कर पायी है कि फ्यूज कंडक्टर आखिर कहाँ किस क्षेत्र से चोरी हुई। जानकार सुत्रों का कहना है कि इस मामले मे स्थानीय खुफिया एजेंसी की विफलता व ट्रेन संचालन का स्टाफ संदेह के घेरे में आ गए हैं ।

हिमगिरी एक्सप्रेस को उस दिन पटना जंक्शन से खुलने पर बेवजह राजेन्द्र नगर टर्मिनल पहुँचने पर चेन पुलिंग कर दस मिनट तक रोका गया, इसके बाद जब ट्रेन फिर खुली तो चेन पुलिंग कर दोबारा चार मिनट ट्रेन को रोका गया। यहाँ से ट्रेन रवाना हुई तो फिर गुलजारबाग स्टेशन के समीप भी रोका गया। इस बीच फ्यूज कंडक्टर के सुरक्षा में लगे सेना के जवान व रेल पुलिस तमाशाबीन बने रहे।

इस मामले मे सबसे कौतूहल करने वाला सवाल यह है कि अगर फ्यूज कंडक्टर आउटडेटेड था तो इतनी सुरक्षा व्यवस्था क्यों थी। सुरक्षा तंत्र के लापरवाही का यह सबसे हैरत करने वाला कारनामा है। रेल एसपी जितेन्द्र मिश्र का कहना है कि फ्यूज कंडक्टर अभी भी जीआरपी के पास है और कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद सेना को सौंप दिया जाएगा।

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