पलिया उप जिलाधिकारी ने विद्यालय में ध्वजा रोहण करने से किया मना, ध्वजारोहण करने पर अध्यापको को जेल भेजने की दिया धमकी.
फारूख हुसैन
लखीमपुर खीरी// लखीमपुर खीरी जिले में जहां एक ओर पूरा देश गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाने में जुटा हुआ था जिसमें सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों और संस्थाओं और कार्यालयों सहित सभी शामिल थे और हर ओर खुशियाँ छाई हुई थी वहीं जिले में एक ऐसा विद्यालय भी था जहाँ उप जिलाधिकारी के कथित तुगलकी फरमान के चलते इस प्राइवेट विद्यालय में सैकड़ों बच्चे गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाने से वंचित रह गये और तो और विद्यालय से सम्बंधित लोगो का आरोप है कि उप जिलाधिकारी ने विद्यालय में ध्वजा रोहण करवाने से ही मना कर दिया और ध्वजा रोहण करवाने पर अध्यापकों को संगीन धारा लगाकर जेल भेजने की धमकी भी दे डाली। जिसके कारण गणतंत्र दिवस के अवसर पर विद्यालय में पूरी तरह से अध्यापकों और विद्यार्थियों में मायुसी छाई रही ।
जानकारी के अनुसार लखीमपुर खीरी जिले तहसील पलिया के थाना सम्पूर्णा नगर के ग्राम सुमेननगर में बीते कई वर्षों से एक बेसिक मान्यता प्राप्त विद्यालय तराई क्रषि विद्यालय नाम से चल रहा है जहाँ पर पलिया के उपजिलाधिकारी इंद्र कान्त द्विवदी ने स्कूल को भू एंटी माफिया के तहत अवैध कब्जा बताकर उसे गिराने का आदेश जारी का विद्यालय के प्राचार्य को नोटिस भी भिजवा दी। परंतु एक ओर जहाँ विद्यालय के टूटने से सैकड़ों बच्चों का भविष्य अँधेरे में विलुप्त होता दिखाई दे रहा था वहीं दूसरी ओर यह भी सवाल सामने आ रहा था कि गाँव में केवल यह विद्यालय ही अवैध बताया गया और कोई जमीनों के कब्जे की बात सामने नहीं आई।
खैर साहब मुद्दा वह नहीं है हमारा हमारा मुद्दा देश के गौरव से है. राष्ट्रीय पर्व हमारे देश का गौरव है और हर भारतीय को इसको मनाने का अधिकार है. मगर अगर इस विद्यालय के प्राचार्य प्राचार्य शहादत के आरोपों को आधार माना जाये तो उन्होंने आरोप लगाया है कि उसने उप जिलाधिकारी से विद्यालय के लिये मात्र तीन महीने के समय भी माँगा था परंतु उसको किसी भी तरह का समय देने से मना कर दिया गया, इसको लेकर जहाँ एक ओर विद्यालय के अध्यापकों और बच्चो में इस बात की उदासी छाई हुई थी कि उनका विद्यालय अब तोड़ दिया जायेगा।
उनका आरोप है कि इसके बावजूद इस बात को भुलाकर विद्यालय के अध्यापकों ने मिलकर विद्यालय में गणतंत्र दिवस के उत्सव की तैयारी में जुट गये थे परंतु जब गणतंत्र दिवस के अवसर पर जहाँ पूरा देश उत्सव मना रहा था वहीं अचानक ही पलिया के उपजिलाधिकारी का कथित फरमान विद्यालय में पहुँच गया कि विद्यालय में किसी तरह का उत्सव नहीं मनाया जायेगा और न ही ध्वजारोहण ही किया जायेगा और यदि विद्यालय में कोई कार्यक्रम या ध्वजारोहण किया गया तो अध्यापकों पर संगीन धारायें लगाकर जेल भेज दिया जायेगा आरोप है कि इस फरमान के साथ ही सैकड़ों बच्चे गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाने से वंचित रह गये। उधर जब इस बात की जानकारी पलिया के उप जिलाधिकारी से ली गयी तो उन्होंने इस तरह के किसी फरमान से इन्कार कर दिया। अब कौन सच कह रहा है और कौन झूठ इसका फैसला तो हम नहीं कर सकते है मगर विद्यालय के बच्चे इन सबके बीच इस राष्ट्रीय पर्व की ख़ुशी नहीं मना सके.