हाड़ कपाने वाली ठंड में भी पलिया नगर पालिका में नहीं दिखाई दे रहा अलाव जलाने का कोई जज्बा
फारुख हुसैन.
लखीमपुर खीरी = पलिया कलां// पूरे उत्तर प्रदेश सहित सभी जिलों में ठंड ने अपने पैर पसार लिये हैं और जिसका सीधा असर जन मानस पर साफ पड़ता दिखाई दे रहा है फिर वह चाहे इंसान हो या फिर जानवर सभी इस हाड़ कपाने वाली ठंड से जूझ रहें हैं ।परंतु इधर कुछ दिनों से उत्तर प्रेदश के तराई इलाकों में कुछ ज्यादा ही ठंड अपना कहर बरपा रही है जिसमें लखीमपुर खीरी जिला भी शामिल है और जिले के तराई इलाकों में जबरदस्त ठंड पड़ने लगी है जिसके कारण सभी बहुत ही परेशान हैं और इस कारण जिले के कई तहसीलों में नगर पालिका की ओर से चौराहों के साथ साथ जगह जगह अलाव की व्यवस्था करवाई जा रही है जिससे की आमजन को इस हाड़ कपाने वाली ठंड में कुछ राहत मिल सके।
परंतु इस के विपरीत जिले के तहसील पलिया कलां के नगर पालिका प्रशासन में इसका कोई प्रभाव पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है क्यों कि इतनी ठंड होने के बावजूद भी नगर पालिका प्रशासन की ओर से अलाव जलाने की कोई व्यवस्था होती दिखाई नहीं दे रही है जिसके कारण आमजन में नगर पालिका प्रशासन के लिये काफी आक्रोश नजर आने लगा है।
वैसे देखा जा ये तो हमारे नगर पालिका परिषद में नगर के हर कार्य के लिये काफी पैसा आता है परंतु इतना पैसा जाता कहां हैं यह सोचनीय विषय बनता दिखाई दे रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण तो आप साफ देख सकते हैं कि इतनी ठंड होने पर भी हमारा नगर पालिका प्रशासन मूक दर्शक बना केवल देख ही रहा है, क्योंकि जब इन छोटे छोटे कार्यों के लिये जब पालिका प्रशासन उदासीनता दिखा रहा है तो वह और बड़े कार्यों के लिये क्या करेगा।
उल्लेखनीय है कि पलिया नगर के चारों ओर नदियों की भरभार है साथ ही हमारे नजदीक ही विश्व चर्चित दुधवा राष्ट्रीय उद्यान भी है जिसके कारण यह तराई इलाकों में आ जाता है और यही कारण है कि पलिया कलां में ठंड अपना जबरदस्त प्रकोप दिखा रही है जिसके यहाँ का इंसान तो इंसान जानवर भी इतनी ठंड से पूरी तरह से परेशान हो चुका है और इसी कारण अधिकतर लोग अपना कार्य छोड़ कर आग के पास कुछ ज्यादा ही बैठते दिखाई दे रहें हैं।
पर इतना सब देखने और समझने के बावजूद भी हमारा नगर पालिका प्रशासन नगर में अभी तक कहीं भी अलाव जलाने की व्यवस्था ठीक ढंग से नहीं कर पा रहा है और यदि आमजन इस बात की पालिका प्रशासन से शिकायत करता है तो सिर्फ खाना पूर्ती के तौर पर केवल मील के द्वारा भेजी गयी कुछ गन्ने की खोई वो भी नाम मात्र की कहीं कहीं चौराहों पर डलवा दी जाती है ।जिसमें लकडियां तो कहीं दिखाई भी नहीं देती हैं।
जिसके कारण पालिका प्रशासन की कार्य शैली पर सवालिया निशान लगातार उठ रहें हैं और इसी कारण आम जन में भी पालिका प्रशासन की कार्य शैली पर काफी आक्रोश पनपता दिखाई दे रहा है परंतु पालिका प्रशासन पूरी तरह से उदासीन ही नजर आ रही है।