जमीन घोटाले में रेलवे अफसरों से हुई पूछताछ

कनिष्क गुप्ता.

इलाहाबाद : झूंसी में रेलवे की करोड़ों की जमीन फर्जी दस्तावेजों के जरिए माफिया के नाम करने के मामले में शुक्रवार को रेलवे अफसरों से पूछताछ हुई। क्राइम ब्रांच ने रेलवे अधिकारियों को नोटिस देकर तलब किया था। शुक्रवार को पूर्वोतर रेलवे के सीनियर डिवीजन इंजीनियर भरत भूषण, अपर मुख्य अभियंता पूर्वोतर रेलवे गोरखपुर दिलीप सिंह और सीनियर सेक्शन इंजीनियर वाराणसी सदानंद दस्तावेजों के साथ क्राइम ब्रांच आफिस पहुंचे। रेलवे अफसरों ने जानकारी दी कि सन 1909 और 1910 में रेलवे ने 350 बीघा जमीन अधिग्रहण किया था, कटरा की जमीन इसी में आती है। यह रेलवे की जमीन है। रेलवे ने इसे किसी को नहीं दिया।

एसपी क्राइम बृजेश मिश्र ने रेलवे अधिकारियों को वह एनओसी दिखाई जो जमीन दूसरों के नाम करने के दौरान रेलवे की तरफ से लगाई गई थी। रेलवे अधिकारियों ने उस एनओसी को फर्जी बताया। जालसाजों ने फर्जी एनओसी बनाई थी। जमीन के पुराने रिकार्ड को मुकदमे की फाइल में लगा दिया गया साथ रेलवे अफसरों का बयान दर्ज किया गया। रेलवे अधिकारियों के पास उपलब्ध रिकार्ड से साफ है कि रेलवे की जमीन हड़पने के लिए भू माफिया और प्रशासनिक अफसरों ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। पूछताछ के दौरान एसएसपी आकाश कुलहरि भी मौजूद रहे।

मुख्य आरोपियों से भी हुई लंबी पूछताछ

इलाहाबाद : रेलवे की जमीन हड़पने के मामले में शुक्रवार को क्राइम ब्रांच ने मुख्य आरोपी बनाए गए कुतुबउद्दीन और सलाउद्दीन से भी लंबी पूछताछ की। करोड़ों की जमीन इन्हीं दोनों के नाम की गई थी। जांच के नाम झूंसी थाने में दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। आरोपी कुतुब और सलाउद्दीन ने पूछताछ में बयान दिया कि भू माफिया ने उनसे सादे पेपर पर हस्ताक्षर कराए थे। पूरे मामले में राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत थी।

मुख्य आरोपियों से पूछताछ में अहम सुराग मिले हैं। रेलवे अफसरों ने भी बयान दर्ज कराया है। छानबीन में कई नए नाम सामने आए हैं। जांच के बाद और गिरफ्तारी की जाएगी।

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