बलिया – स्टे के बाद भी हो रहा है निर्माण, थानेदार ने गलिया देकर भगा दिया है साहब – पीड़ित दिव्यांग नौशाद

संजय राय.

बलिया. कहते है पैसे की माई पहाड़ चढ़ती है. इस शब्द का अर्थ मुझको बचपन से समझ नहीं आ रहा था. मगर मौजूदा हालात को देख कर सब कुछ साफ़ समझ में आ रहा है कि किस प्रकार चंद सिक्को की खनक से ही आप अपने किसी भी अनैतिक काम को करवा सकते है. वह भी अगर पुलिस का बल मिल गया तो सोने पर सुहागा हो जाता है. फिर पीड़ित थाने पर जाने के बाद थानेदार साहब की चार गालिया ही सुनेगा और कर भी क्या सकता है. थानेदार साहब के पास वर्दी का पॉवर है जिसका इस्तेमाल करके वह कभी भी उसको किसी भी तरह से अन्दर कर सकते है. कुछ नहीं तो 151 है ही.

मौजूदा घटना क्रम बलिया जनपद के उभाव थाना क्षेत्र के तिरनई खिजिरपुर का है जहा के निवासी नौशाद जो एक दिव्यांग है का अपने भाइयो से आपसी बटवारे का विवाद न्यायालय SDM बेल्थरारोड में विचाराधीन है. पीड़ित नौशाद के अनुसार न्यायालय से दिनांक 19 फ़रवरी को स्थगनादेश भी दिया दिया गया है और यथास्थिति कायम रखने हेतु निर्देशित किया गया है. इस स्टे आर्डर के बाद भी विपक्ष ने कई बार निर्माण करवाने का प्रयास किया. मगर सफल नहीं रहे. वही विपक्षियो ने पीड़ित दिव्यांग नौशाद को घर से भी बेदखल कर दिया. पीड़ित दिव्यांग थाना पुलिस का चक्कर लगा रहा है मगर सुनवाई कही नहीं हो रही है. इस बीच आज सुबह से ही विपक्षियो ने स्टे शुदा मकान में बीम डलवाकर निर्माण करवाना शुरू कर दिया.

घर से बेदखल होने के बाद पड़ोस में रहने वाली अपनी मौसी के घर शरण लिये दिव्यांग नौशाद का आरोप है कि जब वह इसका विरोध करने के लिये मौके पर गया तो घर में मौजूद लोग आमादा मारपीट हो गये. पीड़ित के आरोपों के अनुसार पैरो से मजबूर नौशाद सहायता के लिये थाने पर गया तो थानेदार रत्नेश सिंह ने उसकी सहायता करने के बजाय उसको मा बहन की गलिया देते हुवे भगा दिया.  सुबह दस बजे से ही पीड़ित इन्साफ के लिये दौड़ रहा है.

क्या कहना है थाना प्रभारी रत्नेश सिंह का 

थाना प्रभारी उभाव रत्नेश सिंह से जब इस सम्बन्ध में बात किया गया तो उन्होंने बताया कि उक्त भवन में पहले एक पुराना बारजा था जिसको विपक्षी की महिलाओ ने तुडवा दिया था. उस तोड़े जाने की सुचना हमारे तक नहीं थी, पीड़ित को अगर आपत्ति करना था तो उसी समय करना चाहिये था, अब दुसरे पक्ष की महिलाये उक्त बारजे को बनवा रही है. जिसके ऊपर पीड़ित शिकायत कर रहा है. हमारे सवाल कि यदि आपके संज्ञान में यह निर्माण सम्मानित न्यायालय के स्टे के बावजूद हो रहा है तो कही न कही से न्यायालय के अवमानना का मामला बनता है पर थाना प्रभारी ने कोई संतुष्ट जवाब न देते हुवे कहा कि अब पीड़ित नौशाद कंटेम्पट ही करेगे. उनकी बातो से ऐसा प्रतीत हुवा जैसे थाना प्रभारी महोदय उक्त निर्माण में मौन स्वीकृति देकर बैठे है.

अब देखना है कि क्या दिव्यांग नौशाद को इन्साफ मिलता है या फिर जिस प्रकार थाना प्रभारी ने दूरभाष पर हमसे बात किया उस हिसाब से पीड़ित से ही पुलिस को शांति भंग का खतरा मंडराने लगता है.

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *