PNB घोटाला : संयुक्त संसदीय समिति की मांग पर विपक्ष एकजुट नहीं
जावेद अंसारी
पांच मार्च से शुरू हो रहे बजट सत्र के दूसरे चरण में बैंकिंग घोटाले का मुद्दा अहम रहेगा। विपक्षी दल इस मसले पर मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनाने की तैयारी कर रहे हैं। कई पार्टियां पीएनबी घोटाले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति बनाने की मांग कर रही हैं। कुछ राजनीतिक दल इस मांग के साथ नहीं हैं, लेकिन बजट सत्र के दूसरे चरण में ये मुद्दा ज़रूर उठाएंगी। गुरुवार को एनसीपी ने मांग की कि इतने बड़े घोटाले को लेकर संयुक्त संसदीय समिति बननी चाहिए।
एक मिडिया चेनल से बातचीत में एनसीपी के नेता और राज्यसभा सांसद तारिक अनवर ने कहा, पीएनबी घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति का गठन होना चाहिये। नरसिंहा राव सरकार के बाद से ही जब बी देश मों कोई भी बड़ा घोटाला हुआ है, संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया गया है। कांग्रेस को इस बारे में आगे पहल करनी चाहिये।
सीपीएम भी एनसीपी के साथ है। बेशक, वो पूरे बैंकिंग सेक्टर पर सभी विपक्षी दलों को साथ लेकर चलने के हक़ में है। सीपीएम नेता और राज्यसभा सांसद तपन सेन ने मिडिया से कहा, संयुक्त संसदीय समिति की जांच का दायरा सिर्फ पंजाब नेशनल बैंक तक ही सीमित नहीं होना चाहिये। इसमें पूरे बैंकिंग सेक्टर की खामियों की जांच को भी शामिल करने बेहतर होगा।
लेकिन इस मामले में फिलहाल विपक्ष की एक राय नहीं दिख रही है। तृणामुल कांग्रेस इसके पक्ष में नहीं है। उधर कांग्रेस भले पीएनबी को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर हो, लेकिन इस प्रस्ताव पर वो आख़िरी फ़ैसला 5 मार्च से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण से ठीक पहले करेगी।