फूलपुर उपचुनाव – प्रतिष्ठा तो भाजपा की दाव पर है, पिछड़ी जाति का कार्ड खेल सकती है पार्टी
कनिष्क गुप्ता/ तारिक खान
इलाहाबाद : देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की कर्मस्थली फूलपुर संसदीय क्षेत्र से दोबारा कमल खिलाने का ख्वाब देख रही भाजपा पिछड़ी जाति के नेता पर दांव लगाएगी। प्रत्याशी फूलपुर से सांसद रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का पसंदीदा होगा। केशव जिसके नाम पर मुहर लगाएंगे भाजपा उसी को प्रत्याशी बनाएगी। भाजपा का प्रत्याशी रविवार की रात तक तय हो जाएगा। प्रत्याशी का नामांकन 20 फरवरी को होगा।
फूलपुर संसदीय क्षेत्र का उपचुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा से जुड़ा है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफा के बाद खाली हुई सीट पर भाजपा हर हाल में जीत हासिल करना चाहती है। राजस्थान में हुए उपचुनाव में मिली करारी हार से भाजपा पूरी तरह से सतर्क है। वह किसी प्रकार का खतरा मोल नहीं लेना चाहती। इसके लिए जातीय समीकरण के अनुरूप मजबूत प्रत्याशी उतारने की तैयारी चल रही है। कांग्रेस से ब्राह्माण प्रत्याशी उतरने के बाद भाजपा ने पिछड़ी जाति के नेता को प्रत्याशी बनाने का निर्णय लिया है, क्योंकि फूलपुर में पिछड़ी जाति के मतदाताओं की बड़ी संख्या है। केशव भी पिछड़ी जाति से आते हैं। अपना दल ‘एस’ से गठबंधन होने से भाजपा अपनी ताकत बढ़ी हुई मानती है।
टिकट के दावेदारों में केशव की पत्नी राजकुमारी मौर्या अभी तक सबसे आगे चल रही हैं। इनके अलावा शहर के ख्यातिलब्ध चिकित्सक, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष का नाम टिकट पाने वालों की रेस में है। यह सभी केशव के पसंदीदा प्रत्याशी है। प्रत्याशी कौन होगा उस पर रविवार को निर्णय हो जाएगा। महानगर अध्यक्ष अवधेश गुप्त का कहना है कि भाजपा सर्वमान्य व जिताऊ प्रत्याशी उतारेगी। हमारा जो प्रत्याशी होगा वह सबके ऊपर भारी पड़ेगा। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य नरेंद्रदेव पांडेय का कहना है कि मोदी-योगी की लोकप्रियता व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा कराया गया विकास कार्य फूलपुर में भाजपा की जीत का आधार बनेगा।