बहुत बड़ा आश्चर्य की बात पट्टीदार हमारा यादव तो हम कैसे हुए हरिजन

यशपाल सिंह

आजमगढ़. प्रशासन के गले की फांस बन चुके लाल बिहारी मृतक के अभिलेखों की जांच में जिला प्रशासन जुटा है। इस मामले में नित नए तथ्य सामने आ रहे हैं। मामले की जांच के दौरान पता चला है कि खलीलाबाद में लालबिहारी कुछ अभिलेखों में यादव हैं और कई में खुद को एससी बताते हैं। प्रशासन अब इसकी जांच में जुटा हुआ है।

वर्ष 1994 में सीआरओ कोर्ट से हुआ एक फैसला प्रशासन के लिए गले की हड्डी बना हुआ है। काफी दिनों पहले बंद हुए मामले में लालबिहारी ‘मृतक’ ने 25 करोड़ का मुआवजा मांगकर फिर से हवा दे दी है। हाईकोर्ट ने शासन से इस संबंध में जवाब मांगकर प्रशासन के हाथ पांव फूला दिए हैं। सोमवार को प्रशासन ने मऊ जनपद के मुहम्मदाबाद तहसील से रजिस्ट्री के उन अभिलेखों को मंगाया जिसके जरिए जमीन की खरीद और बिक्री की गई थी। इसी क्रम में जिला प्रशासन निजामाबाद तहसील के मिर्जापुर ब्लाक के खलीलाबाद गांव स्थित उनके पूर्वजों का इतिहास खंगालने में भी लगा हुआ है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *