समर्पण के लिए और समय नहीं, पूर्व विधायक की अर्जी खारिज

कनिष्क गुप्ता

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व सपा विधायक विजमा यादव की कोर्ट में समर्पण करने की अवधि बढ़ाने तथा जमानत अर्जी उसी दिन निर्णीत करने की मांग को दाखिल अर्जियां खारिज कर दी हैं। इससे पहले कोर्ट ने 23 फरवरी 2018 को विजमा यादव, इलाहाबाद के झूंसी थाने के दारोगा पदमाकर राय सहित 11 आरोपियों को चार हफ्ते में समर्पण करने का समय देते हुए इनके खिलाफ जारी गैर जमानत वारंट पर रोक लगाई थी, किंतु इस आदेश का पालन न करके विजमा यादव ने समर्पण के लिए अतिरिक्त समय बढ़ाए जाने की मांग की थी।
यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने पूर्व विधायक विजमा यादव की अर्जी पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता स्वाती अग्रवाल व शिकायतकर्ता के अधिवक्ता कुंजेश कुमार दूबे ने बहस की। मालूम हो कि इलाहाबाद के झूंसी में मुनीम यादव की 2005 में हुई हत्या के आरोप में शशिदेवी के पति अशोक यादव व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। आरोप है कि पति के जेल में जाने के बाद 29 जून 2005 को विजमा यादव ने भीड़ के साथ शशिदेवी के छतनाग वाले मकान में लूटपाट कर आग लगा दी और सामान उठा ले गये। 30 जून 2005 को दूसरे दिन दूसरे मकान पर हमला कर आगजनी की। पहले दिन राइफल उठा ले गये थे, उसके साथ लूटपाट व आगजनी की। शशिदेवी ने पूर्व विधायक विजमा यादव व दारोगा पदमाकर राय, मूलचंद्र, राजकुमार, अशोक निषाद, लोहा सिंह, अमर सिंह, ज्ञानचंद्र, लालचंद्र, जबर सिंह व राजू 11 लोगों पर डकैती लूटपाट आगजनी, 140 बोरे अनाज जला देने तथा थाने में लाकर छह दिन तक बैठाये रखने का आरोप लगाते हुए मजिस्ट्रेट के समक्ष अर्जी दी। जिसे इस्तगासे के तौर पर स्वीकार करते हुए कोर्ट ने समन जारी किया। हाजिर न होने पर गैर जमानती वारंट जारी किया गया, जिस पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गयी थी। कोर्ट की ओर से समय दिए जाने के बाद भी समर्पण न करने पर कोर्ट ने समय बढ़ाने से इन्कार कर दिया है।

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