पंचकोसी परिक्रमा के दूसरे दिन दुर्बासा मुनि आश्रम संतो के संग पहुंचे नरेन्द्र गिरी
मो आफताब फ़ारूक़ी
इलाहाबाद। पंचकोसी परिक्रमा के दूसरे दिन सोमवार की सुबह सर्वप्रथम दुर्बासा मुनि आश्रम ग्राम ककरा दुबावल से शुरू हुई और कई प्राचीन मंदिरों का दर्शन व पूजा पाठ करते हुए गंगोली शिवाला महादेव मंदिर का दर्शन एवं पूजन किया गया। तीसरे दिन की यात्रा बड़े हनुमान जी मंदिर से मंगलवार की सुबह सात बजे से शुरू होगी।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी महाराज, महामंत्री महंत हरि गिरी महाराज तथा अन्य अखाड़ों के प्रमुख संत गण के साथ इलाहाबाद के कुम्भ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद कुम्भ मेला, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के.पी. सिंह ने मंदिरों का भ्रमण कर वहां की व्यवस्थाओं को देखा। सर्वप्रथम दुर्बासा मुनि आश्रम ग्राम -ककरा दुबावल, मां एन्द्रीधाम, जमुनीपुर गए वहां दर्शन एवं पूजन किया और वहां लौटकर प्रतिष्ठान पुरी झूंसी में नागेश्वर नाथ महादेव, छतनाग तथा शंख माधव मंदिर में गए वहां पूजन एवं दर्शन के बाद प्रभुदत्त ब्रम्हचारी झूंसी आश्रम में संकष्टहर माधव के दर्शन एवं पूजन किया, तत्पश्चात हंसकूप, झूंसी स्थित दत्तात्रेय मंदिर तथा गंगोली शिवाला महादेव मंदिर का दर्शन एवं पूजन किया गया।
मेलाधिकारी ने बताया कि 29 मई 2018 को द्वादश माधव मंदिरों एवं पंचकोसी परिक्रमा के तृतीय दिवस की यात्रा बांध स्थित बड़े हनुमान जी (लेटे हनुमान जी) से प्रातः 07 बजे प्रारम्भ होंगी। यह प्रयाग पंचकोसी परिक्रमा, संगम से होते हुए बड़े हनुमान जी, दरियाबाद स्थित तक्षक महादेव, कल्याणी देवी मंदिर, भारद्वाज आश्रम, दारागंज स्थित वेणीमाधव मंदिर, नागवासुकी मंदिर, आलोपशंकरी देवी मंदिर, से होते हुए संगम वापस पहुंचकर परिक्रमा का समापन होगा। शाम को मौजगिरी मंदिर में भृगु ऋषि दत्तात्रेय देवी-देवताओं के साथ सिद्ध बाबा मौजगिरी के प्राचीन समाधि दर्शन, पूजन और प्रयाग महात्म्य पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।
उक्त भ्रमण के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा एवं पर्यटन के दृष्टिगत परिक्रमा पथ व मंदिरों के सम्बन्ध में अपेक्षित प्रबन्ध एवं कार्यों को देखा जायेगा तथा आवश्यकतानुसार व्यवस्थाओं से सम्बन्धित कार्यों की रणनीति बनाई जायेंगी। जिससे कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को संगम स्नान के बाद प्रयाग की द्वादश माधव मंदिरों एवं पंचकोसी परिक्रमा करने में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। साइनेज बोर्डो के माध्यम से परिक्रमा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का मार्ग प्रदर्शित किया जायेगा।