मधुमेह तथा उच्च रक्तचाप रोगी संभल कर पियें पानी, अधिक जल के सेवन से होगा नुकसान: डा.अरोड़ा

आफताब फारुकी

इलाहाबाद। आज जहां लोग स्वास्थ्य लाभ के लिए अधिक से अधिक जल पीने की वकालत कर रहे है वहीं आयुर्वेद शास्त्रों के अनुसार इन परिस्थितियों में जल का अधिक मात्रा में सेवन शरीर को लाभ नहीं बल्कि नुकसान पहुंचा सकता है। मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप के रोगी संभलकर जल का सेवन करें।उक्त बातें बीएचयू से गोल्ड मेडलिस्ट एम.डी आयुर्वेद व सीनियर कंसलटेंट सर गंगाराम हास्पिटल नयी दिल्ली के डा.परमेश्वर अरोड़ा ने पत्रकारों से कही।

उन्होंने बताया कि पेट के सभी रोग कब्ज, एसिडिटी आदि पाचन अग्नि की मंदता के कारण उत्पन्न होते हैं। अतः इन रोगों में पाचन अग्नि को बढ़ाकर ही इन रोगों से पूर्ण मुक्ति पायी जा सकती है। ऐसे में अग्नि के प्रबल विरोधी जल का अत्यधिक प्रयोग, कैसे हमारे अग्नि बल को बढ़ायेगा और कैसे हमें इन बीमारियों से मुक्ति दिलायेगा, समझ से परे है। रोगों में क्षणिक लाभ के लिए लिया गया अत्यधिक पानी ही पेट के इन सामान्य रोगी को कभी न ठीक होने वाले असाध्य रोग बना देता है।उन्होंने बताया कि आयुर्वेद के अनुसार किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को ग्रीष्म एवं शरद ऋतु में सामान्य मात्रा में तथा शेष अन्य ऋतुओं में न्यूनतम पर्याप्त मात्रा में जल पीना चाहिए।

प्यास लगने पर भी एक साथ अधिक मात्रा में जल पीने की प्रवृत्ति नहीं अपनानी चाहिए। बुखार के रोगी को भी बहुत ही संयम के साथ अल्प मात्रा में बार-बार गरम पानी का ही सेवन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि शास्त्रों के अनुसार सही मात्रा में, सही समय पर एवं सही विधि से लिया गया जल अमृत के समान गुणकारी होता है अन्यथा शरीर में विषाक्तता को उत्पन्न करता है। अधिक जल सेवन से शरीर में पेट के रोग, मधुमेह, रक्तचाप एवं किडनी आदि से संबंधित अनेक रोग उत्पन्न हो सकते हैं।

डा.अरोड़ा ने बताया कि किसी भी व्यक्ति के लिए प्रतिदिन कितना जल पिया जाए यह निश्चित नहीं किया जा सकता। यह मात्रा उस व्यक्ति द्वारा उस दिन किये गये शारीरिक परिश्रम, बाहर के वातावरण एवं शरीर की अवस्था के अनुसार प्रतिदिन परिवर्तित होती रहती है। मोटे तौर पर किसी भी व्यक्ति को एक दिन में डेढ़ से दो लीटर पानी पीना चाहिए। यदि कोई भी व्यक्ति जो 24 घंटे में कम से कम आधा लीटर और आदर्श स्थिति में एक लीटर तक मूत्र त्याग करता है तो उसके शरीर में जलीय अंश सही मात्रा में पहुंच रही है। अंत में आर ओ के पानी पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह जल के 99 प्रतिशत खनिज को समाप्त कर देता है, जो हमारे शरीर को मिलना चाहिए। इसलिए यह पानी शरीर के लिए कत्तई ठीक नहीं है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *