अनोखा आपरेशन और मुन्ना बन गया अब मुन्नी

आदिल अहमद/समीर मिश्रा

लखनऊ। केजीएमयू के डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर ‘जेंडर चेंज’ करने में सफलता हासिल की है। यहा सेक्स रीअसाइंमेंट सर्जरी से 22 वर्षीय युवक को लड़की बना दिया गया। वहीं शरीर में हुए मनमाफिक बदलाव से मरीज काफी उत्साहित है। कुशीनगर निवासी 22 वर्षीय युवक अपना सेक्स बदलवाने के लिए काफी परेशान था। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज से उसे डेढ़ वर्ष पूर्व केजीएमयू भेजा गया।

यहां प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एके सिंह की ओपीडी में युवक ने दिखाया। डॉक्टर ने उसे मूल रूप में ही रहने की सलाह दी। ऐसे में उसकी काउंसलिंग कराई गई। मगर वह अडिग रहा। आठ मई को युवक को भर्ती कर 13 दिन पहले ऑपरेशन किया गया। डॉ. एके सिंह ने बताया कि सेक्स रीअसाइंमेंट सर्जरी के जरिए आठ घटे में युवक में फीमेल आर्गन बनाने में सफलता हासिल हुई। ऐसे में 1962 में स्थापित विभाग में यह ऑपरेशन पहली बार हुआ।

सर्जरी से पहले यह हुई जाचेंः 

युवक की पहले काउंसलिंग हुई। इसके बाद मनोवैज्ञानिक से क्लीयरेंस लिया गया। जीनोटाइप मार्का जाच कर जींस, मेल और फीमेल हार्मोन का स्तर जाचा गया। इसके बाद रक्त संबंधी जाच के अलावा अल्ट्रासाउंड के जरिए मेल ऑर्गन के विकास का परीक्षण किया गया। थेरेपी देकर बढ़ाए फीमेल हार्मोन युवक की शुरुआती जाच के बाद आठ माह तक हार्मोन थेरेपी दी गई। इससे युवक में मौजूद पुरुषों वाले हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन का औसत और कम हुआ। वहीं महिलाओं में पाए जाने वाला स्ट्रोजेन हार्मोन का स्तर बढ़ाया गया।

अंग बनाने में लगे आठ घटेः 

डॉ. एके सिंह ने बताया कि ऑपरेशन करने में करीब आठ घटे लगे। इसमें युवक के टेस्टिस (वृषण) निकाल दिए गए। वहीं मेल आर्गन की त्वचा से फीमेल ऑर्गन बना दिया गया। वहीं स्क्रोटम (अंडकोष की थैली ) की स्किन से फीमेल आर्गन में सेलेबिया माइनोरा और लेबिया मैजोरा का निर्माण किया गया। ऑपरेशन टीम में डॉ. बृजेश कुमार मिश्र, डॉ. गुरु प्रसाद रेड्डी, डॉ. समीर, डॉ. जीपी सिंह व डॉ. तनमय मौजूद रहे। गर्भ धारण संभव नहीं विशेषज्ञों के मुताबिक सेक्स बदलकर मेल से फीमेल बनने पर गर्भ धारण नहीं हो सकता है। कारण इसमें यूट्रस और ओवेरी का निर्माण नहीं किया जाता है।

चार लाख की सर्जरी सात हजार मेंः 

डॉक्टरों के मुताबिक निजी अस्पतालों में सेक्स बदलने की सर्जरी पर करीब तीन से चार लाख खर्च आता है। जबकि केजीएमयू में मरीज का सात हजार रुपये ही खर्च हुए हैं। इंप्लाट से देंगे ब्रेस्ट को आकार युवक के चेहरे के बाल कम करने के लिए जहा अभी फीमेल हार्मोन की दवा और दी जाएगी। वहीं लेजर से भी बाल हटाए जाएंगे। इसके अलावा स्तन आदि को आकार देने के लिए ब्रेस्ट इंप्लाटेशन किया जा सकता है।

युवक को था जेंडर डिस्फोरियाः 

सेक्स चेंज करने से पहले युवक का तीन तरह से आकलन किया गया। इसमें उसका जेनेटिक, फिजिकल व मेंटल स्तर देख गया है। युवक जेंडर डिस्फोरिया श्रेणी का मिला। इस श्रेणी में आने वाले पुरुषों में आदतें लड़कियों वाली होती हैं।

‘मुन्नी’ नाम से अब मिलेगी नई पहचानः 

युवक ने अपना पुराना नाम प्रकाशित करने से मना किया। मगर अब उसे नया नाम मुन्नी रास आ रहा है। उसने बताया कि डॉक्टर शीघ्र ही जेंडर चेंज का मेडिकल सर्टिफिकेट देंगे। इसमें मुन्नी नाम दर्ज करने का ही अनुरोध करूंगा।

12 वर्ष पहले संजोया ख्वाब, अब हुआ पूराः  

प्लास्टिक सर्जरी वार्ड में भर्ती युवक-लड़की बनने से काफी खुश है। उसने बताया कि छह वर्ष पहले उसके माता-पिता की मौत हो गई थी। वहीं मामा भी नहीं रहे। सिर्फ एक बड़ी बहन है, उसकी शादी हो चुकी है। वह घर में अकेले रहता है। मगर शुरुआत से उसे महिलाओं के बीच बैठने की आदतें, उनके काम करने के तौर तरीके काफी पसंद थे। बारह वर्ष की उम्र में उसने लड़की बनने का ख्वाब संजोया, जोकि अब पूरा हुआ। उसने बताया कि वह घर में रखीं फीमेल ड्रेस छुप-छुप कर पहनता था। वहीं अब अपना शौक खुलकर पूरा कर सकेगा।

रोकने पर हो जाते हैं डिप्रेशन के शिकारः 

विशेषज्ञों के मुताबिक अभिभावक अपने बच्चों पर ध्यान दें तो छोटी उम्र में ही उनके ट्रासजेंडर होने का अंदाजा लगा सकते हैं। ऐसे में माता-पिता घबराएं नहीं बल्कि बच्चों की काउंसिलिंग पर फोकस करें। उनके साथ सामान्य बच्चों की तरह ही व्यवहार करें। कारण, यदि ऐसे बच्चों को डांट कर उन्हें अपने तरह से पेश आने पर मजबूर किया जाता है तो वह डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में वह घातक कदम भी उठा सकते हैं।

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