बच्चे की मौत के बाद परिजनों का थाने में हंगामा, किया हाईवे जाम

प्राथमिकी दर्ज करने की बजाय परिजनों को धमकती रही पुलिस 

आसिफ रिज़वी

मऊ। थाना सरायलखंसी क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की लापरवाही की वजह से पांच वर्षीय बच्चे की मौत हो गयी जिसके बाद परिजनों ने थाने पहुँच कर जम पर बवाल किया और थाने के बाहर से गुजर रही एन एच 29 को जाम कर सड़क पर प्रदर्शन किया | किसी तरह पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर जाम को समाप्त कराया , लेकिन उग्र ग्रामीणों ने थाने के आकार पुलिस से नोक झोक करती रही |

बताते चले की थाना सरायलखंसी स्थित बकवल के पास बाबा साहब अम्बेडकर प्राथमिक विद्यालय में एलकेजी में पढने वाले आयुष्मान रोज की भांति आज भी स्कूल गया था लेकिन स्कूल में जाने के बाद बच्चे की तबियत अचानक खराब हो गयी | परिजनों ने स्कूल के अध्यापको पर आरोप लगाया कि स्कूल में पढने वाले बच्चों ने बार बार अध्यापको को आयुष्मान की हो रही तबियत खराब के बारे में बताते रहे लेकिन अध्यापको ने बच्चे की खराब हो रही तबियत पर ध्यान नहीं दिया और ना ही बच्चे कि खराब तबियत के बारे में घर वालो को सूचित किया | स्कूल बंद होने के बाद स्कूल के बच्चे ही आयुष्मान को कब्धे पर लाद कर उसके घर पहुचे | लिहाजा देर से जानकारी होने पर परिवार वाले बीमार बच्चे को लेकर जनपद के सभी छोटे बड़े अस्पताल ले के गए लेकिन तब तक बहुत देरी हो चुकी थी | डाक्टरो ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया |

बच्चे को मृत जानने के बाद परिजनों और गांव के लोग सरायलखंसी थाने पहुच कर स्कूल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग कर थाने में प्रदर्शन करने लगे | थोड़ी देर में काफी संख्या में पहुचे ग्रामीणों ने थाने का घेराव करने के साथ नेशनल हाईवे जाम कर दिया | किसी तरह से पुलिस ने आक्रोशित ग्रामीणों को समझा बुझाकर कर जाम समाप्त कराया | लेकिन उग्र ग्रामीण थाने में आकार तुरंत मुकदमा कायम करने की जिद पर अड गए | इस बीच पुलिस का अमानवीय चेहरा भी देखने को मिला | एक तरफ जहाँ पुलिस मुकदमा पंकिकृत करने की बजाय पीड़ित के परिजन और ग्रामीणों से ही उलझती रही वही दूसरी तरफ पुलिस ने अक्रोशित ग्रामीणों को ही जेल में बंद करने की कोशिश करती रही | जिससे स्थिति और तनाव पूर्ण होती चली गई  | घटना की सूचना पा कर पुलिस उपाधीक्षक राजकुमार भी मौके पर पहुच गए | सी ओ सिटी राजकुमार ने परिजनों को छोड़ ग्रामीणों पर हल्का बल प्रयोग कर उन्हें थाने से तितर बितर किया , और मौके की नजाकत देखते हुवे मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश दिया तब जा के मुकदमा लिखने की कार्यवाई आगे बढ़ सकी |

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