रावण के अत्याचार से देवलोक और पृथ्वी पर त्राहि-त्राहि

कमलेश कुमार

अदरी(मऊ) कल्याण श्रीराम जानकी रामलीला समिति इंदारा के तत्वावधान में आयोजित श्रीरामलीला के तीसरे दिन मंगलवार की रात रावण जन्म और रावण अत्याचार का कलाकारों ने मंचन किया।

इस दौरान श्रीराम और विष्णु जी की झांकी लोगों के आकर्षण का केंद्र रही। दर्शकों द्वारा लगाए जा रहे हर-हर महादेव और जय श्रीराम के जयकारे से क्षेत्र गूंजता रहा। श्रीरामलीला की शुरुआत भगवान श्रीराम, विष्णु जी और रामायण की आरती उतार कर की गई। इसके बाद मथुरा विन्दावन से आए कलाकारों ने रावण जन्म और रावण अत्याचार का मंचन किया। मंचन के दौरान अपने उपहास से आक्रोशित नारद द्वारा दिए गए श्राप से रावण का जन्म हुआ। बाद में रावण के अत्याचारों से चारों ओर त्राहि-त्राहि मचने लगी।

पूरे देवलोक से लेकर पृथ्वी लोक में रावण के अत्याचार से सभी धर्मप्रिय लोग मर्माहत होने लगे। रावण ने सबसे पहले कुबेर को बंदी बनाकर उनके पूरे साम्राज्य पर कब्जा कर लिया। इसके बाद रावण अपने राक्षसी सेना के साथ जहां भी धार्मिक अनुष्ठान होता उसमें बाधा पहुंचाना, देवताओं को परेशान करना, उसके नित्य का क्रिया कलाप हो गया। देवताओं से लेकर पृथ्वीवासी ऋषि-मुनि रावण के अत्याचार से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव की शरण में पहुंचे। इस दौरान रामलीला देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ रही।

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