कैयरमऊ के प्रसिद्ध रामलीला में हुआ कैकेई – दशरथ संवाद
प्रदीप दुबे विक्की
औराई भदोही। औराई रविवार को श्री रामलीला कमेटी कैयरमऊ द्वारा पांचवे दिन का मंचन किया गया जो राम राज्याभिषेक के लिए महाराज दशरथ और गुरु वशिष्ठ के वार्ता से प्रारम्भ हुआ तत्पश्चात देवताओं द्वारा माँ सरस्वती से आकाशवाणी के माध्यम से निवेदन कर श्री राम को राज्यभिषेक से रोकने का निवेदन किया गया जिससे असुरों का संहार श्री राम जी केे हाथो हो सके।
माँ सरस्वती द्वारा दासी मंथरा की बुद्धि नष्ट करने के बाद कैयरमऊ का प्रसिद्ध मंथरा -कैकेई संवाद प्रस्तुत हुआ, कैकेई के कोपभवन जाने और राजा से श्री राम के वनवास और भरतलाल के लिए राजपाठ मांगने कैकेई दसरथ संवाद,सीता-कौसल्या वार्ता,लखन का क्रोध सुमित्रा द्ववारा समझाना उसके बाद श्री राम का लखन सिया संग वन जाना , पुरवासियों का शोक,श्री राम निषाद राज मिलन, केवट अनुराग,भारद्वाज मुनि के यहा आगमन,बाल्मीकि जी द्वारा स्वागत चित्रकूट का मार्ग बताना और श्री राम का चित्रकूट में पर्ण कुटी निर्माण तक कि रामलीला का मंचन किया गया।
श्री राम ने जंगल मे निवास करने वाले निषादराज से मित्रता कर समाज मे ब्याप्त विषमता और वर्ग विभेद समाप्त करने की प्रेरणा देते है ,केवट से अनुराग प्रदर्शित कर छुआ-छूट जैसे सामाजिक बुराइयों पर कुठार घात करते है।
आज आप सभी सुधि दर्शक गण 1:30 रात्रि तक पूरे समय रुके रहे और रामलीला के रस का आनंद लिया और सभी पात्रो कार्यकर्ताओ का उत्साह बढ़ाया।