डेंगू के साथ अब जीका वायरस का खतरा, अकेले बिहार में मिले 51 मामले
अब्दुल रज्जाक थोई
जयपुर। मच्छर जनित बीमारियों ने मुल्क को अपने ज़द में ले रखा है। डेंगू से परेशान होने के बाद अब राजस्थान में जीका वायरस के मामले बढ़कर 51 हो चुके हैं। इन मरीजों में 11 महिलाएं गर्भवती हैं। ये आंकड़े समाचार एजेंसी पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में दिए हैं। राष्ट्रीय मलेरिया शोध संस्थान की टीम ने जयपुर के कई इलाकों से मच्छरों के ताजे नमूने इकट्ठे किए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, पहला मामला 23 सितंबर को दर्ज किया गया था। बाद में कई परीक्षणों से 26 सितंबर को ये पुष्टि की गई कि मरीजों में एडीस ऐजिप्टी मच्छरों के विषाणु पाए गए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, शास्त्री नगर इलाके के बाद, सिंधी कैंप इलाके के राजपूत हॉस्टल में रहने वाले तीन विद्यार्थियों को पॉजीटिव पाया गया था। सिंधी कैंप इलाके से लिए गए मच्छर के नमूनों में भी इस वायरस के लक्षण पाए गए। जबकि घने बसे शास्त्री नगर इलाके में भी पकड़े गए कुछ मच्छरों में इस वायरस के लक्षण पाए गए। माना जा रहा है कि यही मच्छर इस वायरस और संक्रमण को फैलाने के जिम्मेदार हैं।
ऐहतियात के तौर पर और लार्वा को पनपने से रोकने के लिए शास्त्री नगर इलाके में फॉगिंग करवाई जा रही है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने गर्भवती महिलाओं के लिए सलाह जारी की है कि वे शास्त्री नगर इलाके से दूर चली जाएं। इसके अलावा एक समीक्षा बैठक का आयोजन भी किया गया है ताकि वर्तमान स्थिति पर चर्चा और उठाए गए कदमों और उनके असर के बारे में विचार किया जा सके। राष्ट्रीय महामारी नियंत्रण केंद्र पर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। जबकि जयपुर शहर में निगरानी टीमों की संख्या 50 से बढ़ाकर 170 कर दी गई है।
पीटीआई के स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से लिखा है कि जीका वायरस से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए हीरा बाग ट्रेनिंग सेन्टर में तन्हाई वार्ड भी बनाया गया है। कुल 30 मामलों में से ज्यादातर मरीजों में सुधार के लक्षण दिख रहे हैं। वहीं वायरस और रोकथाम के उपायों के बारे में जागरूकता लाने के लिए राजस्थान सरकार जानकारी, शिक्षा और संचार माध्यमों के जरिए सूचनाएं उपलब्ध करवा रही है।
राजस्थान, गुजरात, ओडिशा समेत कई राज्यों में मरीज मिलने के बाद अब जमशेदपुर में भी जीका वायरस का खतरा मंडराने लगा है। ऐसे में एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य मुख्यालय रांची के आदेश पर जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से पूर्वी सिंहभूम में भी जीका वायरस को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है।
दरअसल जीका वायरस एडीसी मच्छर से फैलने वाली बीमारी है और राज्य में मच्छरजनित बीमारियों का सर्वाधिक प्रकोप जमशेदपुर में ही होता है। इसलिए इतने एहतियात बरते जा रहे हैं।
अस्पतालों को निर्देश :
जिला सर्विलांस विभाग की ओर से जिले के सभी अस्पतालों को आदेश जारी किया गया है कि अगर जीका वायरस का कोई मरीज आता है तो स्वास्थ्य विभाग को प्राथमिकता से सूचना दी जाये।
स्टेशन पर लगेगा जांच शिविर :
दुर्गा पूजा को लेकर शहर में सैलानियों की आवक काफी बढ़ जाती है। ऐसे में जीका वायरस के प्रकोप के मद्देनजर टाटानगर रेलवे स्टेशन पर विशेष जांच शिविर लगाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही राजस्थान, गुजरात व ओडिशा से आने वाले यात्रियों की विशेष जांच करने का आदेश दिया गया है।
होगा व्यापक छिड़काव :
जिला सर्विलांस पदाधिकारी डॉ. साहिर पाल ने बताया कि जीका वायरस एडीसी मच्छर द्वारा काटने से फैलता है। ऐसे में वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए सभी स्थानों पर व्यापक पैमाने पर छिड़काव करने व सर्च अभियान चलाने का आदेश दिया गया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल अबतक जिले में एक भी मरीज की पुष्टि नहीं हुई है। पर सभी एहतियात बरते जा रहे हैं।
जीका वायरस बेहद खतरनाक :
जिला सर्विलांस पदाधिकारी डॉ. साहिर पाल ने बताया कि जीका वायरस बेहद खतरनाक होता है। अगर यह किसी गर्भवती महिला को होता है तो यह स्वयं ही उसके गर्भस्थ शिशु को भी हो जाता है। जिससे बच्चे के सिर का विकास रूक सकता है और वर्टिकली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन भी सकता है। इसलिए अगर किसी भी प्रकार का लक्षण दिखता है तो गर्भवती महिला इसकी तुरंत जांच करवाएं। ताकि जच्चा-बच्चा दोनों को बचाया जा सके।
बीमारी :
जीका वायरस
कारण :
आरएनए वायरस ग्रसित एडीज मच्छर द्वारा दिन के वक्त में काटने से
लक्षण :
बुखार, रैसेज, कंजक्टिवाइटिस (आंख आना), मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना व सिर दर्द
बचाव :
सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, किसी भी स्थान पर जलजमाव न होने दें, बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।