बागपत क्षेत्र से आने वाले गंदे पानी को रोकने के लिए मंडोला के किसानों ने सुनाया फरमान
सरताज खान
गाजियाबाद। लोनी खेकड़ा बागपत से आने वाले गंदे जलभराव की पहाड़ जैसी समस्या से दुखी आ चुके नवादा गांव के ग्रामीणों को उक्त समस्या से निजात दिलाने के लिए अब मंडोला के सत्याग्रह आंदोलनकारी किसानों ने कमर कसली हैं। जिन्होंने नवादा गांव में आने वाले प्रदूषित पानी को बागपत जिले में ही रोक देने का फरमान जारी कर दिया है। जो आज (रविवार के दिन) 1 बजे उसे रोकने के लिए कूच करेंगे।
बता दे कि लोनी गाजियाबाद क्षेत्र के गांव नवादा में बागपत क्षेत्र के खेकड़ा से आने वाले प्रदूषित पानी के कारण वर्षों से आफत झेलते हुए आ रहे वहां के ग्रामीण नगरीय जीवन यापन करने को मजबूर है। हालात यह है कि जल की स्थिति ऐसी बन चुकी है कि वह पीने योग्य की बात तो दूर कपड़े धोने के योग्य भी नहीं रहा है। किसानों की खेती बुरी तरह प्रभावित है, दुधारू पशु की हालत बिगड़ चुकी, हालात ऐसे है कि यह जहरीला प्रदूषित पानी अब से पहले अनेक पशुओं को लील चुका तथा अनेक बार उसमें युवकों के शव पड़े मिल चुके हैं। इस तरह गांव के लोगों को अपना जीवन यापन करना एक बड़ी मुसीबत बन चुकी है। यही कारण है कि उक्त पहाड़ जैसी समस्या के चलते अनेक परिवार वहां से प्लान कर चुके हैं। मगर एक बड़ी संख्या ऐसे ग्रामीणों की है जो गांव छोड़कर कहीं दूसरी जगह बसने की स्थिति में नहीं है।
शिकायत पर मिले हमेशा कोरे आश्वासन
उक्त गंभीर प्रकरण में ग्रामीणों द्वारा अनेक बार अधिकारियों से मौखिक व लिखित शिकायत की जा चुकी है। जिन्हें समस्या के समाधान के लिए आश्वासन तो मिला मगर नतीजा वही “ढाक के तीन पात” वाली कहावत को चरितार्थ करने के अलावा और कुछ भी नहीं निकल सका। यहां तक की तत्कालीन विधायक द्वारा मामला लखनऊ विधानसभा सत्र के दौरान भी उठाया जा चुका। मगर उसके बावजूद आज तक भी समस्या जो की त्यों बनी हुई है।
मंडोला के किसानों ने लिया निर्णय
नवादा गांव के ग्रामीणों की समस्या को लेकर अब मंडोला में धरनारत किसान गंभीर हो चले हैं। जिन्होंने उक्त संदर्भ में आपसी चर्चा के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि रविवार, यानी कि आज हजारों की संख्या में महिला व पुरुष किसान ट्रैक्टर ट्राली से मिट्टी लेकर कूच करेंगे और गंदे पानी को बागपत क्षेत्र की सीमा में ही रोक देंगे।