मोहम्मदी खीरी – प्रसिद्ध रामलीला में हुआ परशुराम लक्ष्मण संवाद
फारुख हुसैन
मोहम्मदी खीरी- नगर पालिका परिषद द्वारा आयोजित मेला श्री राम लीला के रंगमंच पर आज धनुष भंग और परशुराम लक्ष्मण संवाद की लीला का मंचन किया गया। महाराज जनक ने अपनी पुत्री जानकी के स्वयंवर का आयोजन किया जिसमें सभी राज्यों के राजा बुलाए गए महाराज जनक ने स्वयंवर में यह शर्त रखी कि जो भगवान शिव का धनुष जिसका नाम पिनाक है। पर प्रत्यंचा चढ़ा देगा जानकी उसी का वरण करेगी तमाम राजाओं ने धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने की कोशिश की लेकिन वह उसे हिला भी नहीं पाए
तब रावण सहित तमाम राजा एकजुट होकर भगवान शिव का धनुष उठाने का प्रयास करने लगे लेकिन उसमें भी उनको विफलता मिली और वह हंसी का पात्र बने जब कोई राजा धनुष को हिला तक नहीं पाया तब महाराजा जनक ने कहा कि क्या यह धरती वीरों से विहीन हो गई है तब लक्ष्मण जी को क्रोध आ गया और उन्होंने कहा कि अगर मैं अपने भ्राता राम की आज्ञा पा लू तो इस पूरे ब्रह्मांड को गेंद की तरह उठा सकता हूं महाराजा जनक को शोक मग्न व चिंतित देखकर महर्षि विश्वामित्र ने राम को आज्ञा दी भगवान श्री राम ने इशारे से ही धनुष को उठा लिया और जैसे ही प्रत्यंचा चढ़ाने की कोशिश की धनुष तेज आवाज के साथ बीच से टूट गया धनुष टूटते ही इतनी भयंकर ध्वनि हुई कि भगवान शिव के परम भक्त भगवान परशुराम क्रोधित मुद्रा में वहां पर आ गए और पूछने लगे कि उनके आराध्य का धनुष किसने तोड़ा है
इसके बाद परशुराम और लक्ष्मण के बीच काफी गरमा गरम संवाद हुआ जिसके बाद भगवान श्री राम ने हस्तक्षेप करते हुए भगवान परशुराम के क्रोध को शांत किया इस तरह जानकी के स्वयंवर में भगवान श्री राम ने धनुष भंग कर माता सीता का वरण किया लीला पंडित चंद्रभाल मिश्रा के निर्देशन में आयोजित की गई इस अवसर पर नगर पालिका के कर्मचारी सभासद गण तथा सैकड़ों दर्शक उपस्थित रहे।