स्वामी सानन्द जी का लिखा अंतिम पत्र देखे, और जाने क्यों कर रहे है स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सीबीआई जाँच की मांग

पोस्टमार्टम करवा कर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को सौपा जाए सानन्द जी का शरीर - अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती

तारिक आज़मी

वाराणसी. अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने स्वानी सानन्द जी महाराज के मृत्यु पर बड़ा प्रश्न उठाते हुवे कहा है की उनकी मृत्यु संदेहास्पद है और उनके पार्थिव शरीर का पोस्टमार्टम होना चाहिये. उन्होंने सरकार से मांग किया है कि स्वामी सानंद की अंतिम इच्छा के अनुसार उनके पार्थिव शरीर को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शोध छात्रो को सौप दिया जाये.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने आगे कहा कि यह कैसे हो सकता है कि जो व्यक्ति आज सुबह तक स्वस्थ अवस्था में रहे और अपने हाथ से ही प्रेस विज्ञप्ति लिखकर जारी करे वह 111 दिनों तपस्या करते हुये आश्रम में तो स्वस्थ रहे पर अस्पताल में पहुँच कर एक रात बिताते ही उनकी उस समय मृत्यु हो जाए जब वह स्वयं ही उनके शरीर में आई पोटेशियम की कमी को दूर करने के लिए मुख से और इन्जेक्शन के माध्यम से पोटेशियम लेना स्वीकार कर लिया हो। उन्होंने कहा की हमें पूरी तरह से यह लगता है कि स्वामी सानन्द जी की हत्या हुई है ।

उक्त बातें स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती महाराज ने आज गंगा की अविरल धारा की मांग को लेकर तपस्या कर रहे अपने शिष्य स्वामी ज्ञानस्वरूप सानन्द जी के अचानक हुई मृत्यु पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि यह बताया जा रहा है कि उनको हार्ट अटैक आया पर हमारा यह प्रश्न है कि हार्ट अटैक आए व्यक्ति को अस्पताल के आई सी यू में शिफ्ट किया जाता है अथवा एम्बुरेन्स में लादकर कहीं और ले जाया जाता हैं ?

उन्होंने आगे कहा कि यह सरकार यदि यह सन्देश देना चाहती है कि जो गंगा की बात करेगा उसकी हत्या हो जाएगी तो हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि इस देश में गंगा के लिए पहले भी हमारे पूर्वजों ने बलिदान किया है और आज भी गंगा भक्त गंगा के लिए कुछ भी कर गुजरने से पीछे नहीं हटते। उन्होंने कहा कि सानन्द जी के चले जाने से गंगा अभियानम् नहीं रुकेगा । यह निरन्तर चलता रहेगा।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने सरकार से निम्न माॅग किया है –

1 – स्वामी सानन्द जी के शरीर का पोस्टमार्टम हो। क्योंकि हमें शंका है कि उनकी हत्या हुई है।

2 – स्वामी सानन्द जी का शरीरं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को सौपा जाए। क्योंकि उन्होंने हमसे यह कहा था कि मेरे चले जाने के बाद मेरे शरीर को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मेडिकल के विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए दिया जाए।

साथ ही स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती सरकार से मांग करते हुवे कहा है कि यह एक सोची समझी साजिश के तहत हत्या प्रतीत हो रही है इस कारण सरकार से हमारी मांग है कि इसकी जांच के लिये सीबीआई को नियुक्त किया जाये।

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