बार्डर तक बसों के जरिए पहुंच रहा है तस्करी का सामान
फारुख हुसैन
पलिया कलां खीरी। भारत नेपाल सीमा तक जाने वाली रोडवेज व प्राइवेट बसे इन दिनों नेपाल जाने वाले व्यवसायिक सामान को ढोती हुई नजर आ रही हैं! जिसके कारण यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
रोडवेज व प्राइवेट बसें दिल्ली मुंबई जयपुर आदि बड़े शहरों से धनगढ़ी के व्यापारियों का सामान लेकर गौरीफंटा बार्डर पर उतारती हैं ! उसके बाद कैरिंग के जरिए साइकिल द्वारा धनगढ़ी यह माल ढोया जा रहा है !आपको बता दें कि नेपाल के धनगढ़ी में व्यापार करने वाले दुकानदार अपना सामान दिल्ली मुंबई जैसे महानगरों से मंगाते हैं उन्हें बसों के ऊपर भरकर मुख्य बार्डर तक पहुंचाया जाता है! वहां से साइकिल व रिक्शे के जरिए इन सामानों को धनगढ़ी चौराहे तक पहुंचाकर मोटा मुनाफा कमाया जा रहा है
इतना ही नहीं नासिक से आने वाली टूरिस्ट बस द्वारा नासिक से प्याज धनगढ़ी पहुंचाया जा रहा है जिस पर कस्टम व एसएसबी कोई प्रतिबंध नहीं लगा रही है ! इसमें बॉर्डर पर मौजूद कुछ संदिग्ध लोग मोटा मुनाफा कमा रहे हैं ! जिसकी जानकारी स्थानीय कस्टम पुलिस व एसएसबी अधिकारियों को भी है लेकिन उचित कार्यवाही ना होने के कारण यह धंधा तेजी से पनप रहा है !भारत नेपाल सीमा पर बसी बनगवां मंडी से भेजी गयी चीनी में गत माह नौ कारतूस, सोरा, गंधक के नेपाल शस्त्र द्वारा बरामद होने के बाद जांच पड़ताल तेज की गई थी लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरा मामला फिर ठंडे बस्ते में चला गया! ऐसे समय में महानगरों से चलने वाली प्राइवेट तथा रोडवेज बसों के सघन तलाशी अभियान की जरूरत अब और अधिक है !
इस बाबत एसएसबी के कमांडेंट राजीव आहलूवालिया का कहना था कि महानगरों से आने वाली बसों का परमिट यदि पलिया तक है तो उन्हें गौरीफंटा बॉर्डर तक नहीं जाना चाहिए और यदि वह बसे बिना परमिट गौरीफंटा बॉर्डर तक जाती हैं तो उन पर उचित कार्यवाही की जाएगी! कमांडेंट का कहना था कि बसों का उपयोग यात्रियों के आने जाने के लिए किया जाना चाहिए ना कि सामान की ढुलाई के लिए साथ ही उन्होंने कहा कि हाल ही में एक अभियान चलाकर बसों का सघन तलाशी अभियान किया जाएगा दोषी पाए गए ड्राइवर कंडक्टर और मालिकान आदि पर उचित कार्यवाही की जाएगी!