टूटी गलियाँ और बजबजाती नालिया – जय हो कानपुर वार्ड 110 के पार्षद पति महोदय, नाम बड़े और दर्शन छोटे
तारिक आज़मी
कानपुर वार्ड 110 की पार्षद शबनम बानो के कार्यकाल को आश्वासन काल के तौर पर स्थनीय जनता देख सकती है। चुनावों के पहले किये गये ढेरों वायदे जनता के लिये मात्र आश्वासन से अधिक कुछ न साबित हुवे है। खोखले वायदों से त्रस्त जनता के दावो को माने तो पार्षदी चुनावों के हेतु वार्ड 110 की वर्त्तमान पार्षद शबनम बानो तो वादे के लिए नही उतरी थी, लेकिन पार्षद पति मुरसलीन खां उर्फ भोलू ने भी बहुत वायदे किए थे। लेकिन पूरे एक भी नही हुए। हमारे द्वारा किये गये एक गली के सर्वे ने ही वार्ड 110 की इतनी पोल खोल दी तो सोच ले अगर पूरे वार्ड का कवरेज किया जाए तो क्या हाल रहा होगा।
वैसे सुना है कि नेता जी से अगर कोई कामो और वायदों की याद दिलाता है तो नेता जी खासे नाराज़ हो जाते है। खैर नेता जी नाराज़ होते हैं तो हों जाएं साहेब हम तो सच्चाई दिखा के रहेंगें। आपको बता दें हमारी टीम जैसे ही वार्ड 110 के कास्थाना रोड स्थित सय्यद बाबा की दरगाह के पास पहुंची तो हमारी मुलाकात मस्जिद सय्यद बाबा के पेश इमाम अब्दुल खालिक से हुई। उन्होंने ने बताया कि यहाँ पर नमाज़ियों को नमाज़ के आते जाते वक़्त गन्दगी के बीच से होकर गुज़रना पड़ता है। कई बार तो ऐसा भी होता है कि गन्दगी से नापाक होकर नमाज़ियों को मायूस होकर घर वापस जाना पड़ता है और उनकी नमाज़ क़ज़ा हो जाती है। वहीँ मौजूद हाफ़िज़ अज़ीम अंसारी ने बताया कि अभी विगत दिनों पहले ही एक महिला का गढ्ढे में गिर कर हाथ टूट गया।
आपको बता दें कि अक्सर बच्चों के स्कूल आते जाते वक़्त अक्सर बच्चों के नाले के गंदे पानी मे गिरने की सूचनाएं प्राप्त होती रहती हैं। जिसके कारण अक्सर बच्चे स्कूल भी नही पहुंच पाते। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है इस क्षेत्र की बदहाली को मस्जिद के इमाम ने ये भी बताया कि पार्षद पति मुरसलीन उर्फ भोलू को इन समस्याओं से पिछले एक वर्ष में कई बार रूबरू होकर व फेसबुक के जरिए अवगत कराया गया है। लेकिन कानो पर जूँ तक नही रेंगती। वैसे भी साहब जूं रेंगें भी क्यूँ क्योंकि नेता जी के पास वक़्त ही कहाँ हैं वो तो शहर भर के रायते ही समेटते रहते हैं। रायते समेटते हुवे उनके पास वार्ड की गंदगी पर अपनी निगाहें करम करने का वक्त ही कहा बचेगा। वही सूत्रों की माने तो पार्षद शबनम बानो चुनाव के बाद से आज तक वो वार्ड में झांकने तक नही निकली। अब रही वायदों की बात तो वायदे तो वायदे होते है। लगता तो ऐसा है कि अगले बार चुनाव लड़ेगे तो इसी वायदे को दोहरा कर दुबारा जब जीतेगे तो काम करवा देंगे।
सूत्र ये भी बतातें है कि पार्षद पति मुरसलीन खां उर्फ भोलू शहर का ऐसा कोई रायता नही जिसमें इनकी टांग न फसी हो। वो एक अलग बात है कि इनके क्षेत्र की जनता की भले ही नालों और गडढों में गिर-गिर कर टांग टूट जाये, लेकिन नेता जी को उससे कोई फर्क नही पड़ता। भाई अब बात तो ये भी सही है अगर नेता जी अगर शहर भर के मामलों में अपनी टांग नही डालेंगे तो शहर के लोग उन्हें जानेंगें कैसे। वैसे हो सकता है नेता जी अब विधायकी का चुनाव लड़ने के मूड में हों। अब नेता जी अगर वार्ड में कार्य करेंगे तो लोग उन्हें कहाँ पहचानेंगे। विवादों में पड़ने से कम से कम लोग पहचानते तो हैं।
अब सोचनीय विषय यह है कि नेता जी जब क्षेत्रीय इमाम की नही सुनते हैं तो आम नागरिक की कितनी सुनते होंगे इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं। खैर जो हो हमने जो देखा, वो सबको दिखा दिया। अगर बुरी लगे तो लगती रहें सच कहे कि पिक्चर तो अभी बाकि है मेरे दोस्त http://www.pnn24.in