मुरादाबाद में आरटीआई कार्यकर्ता का शव मिलने से मचा हड़कंप, कई दिनों से था लापता
हर्मेश भाटिया
मुरादाबाद. आरटीआई कार्यकर्ता को मुरादाबाद से अगवा कर शामली में ले जाकर मौत के घाट उतारने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने हत्यारोपित की निशानदेही पर 14 दिन बाद शव को शामली के शाहपुर में गन्ने के खेत से अर्द्धनग्न अवस्था में बरामद किया है। एक गोली घुटने में तो दूसरी पीठ पर लगी हुई थी।
जानकारी के अनुसार, मुरादाबाद के पाकबड़ा जुमेरात का बाजार में रहने वाले काशिफ सैफी (28) बिजली मिस्त्री थे। साथ ही आरटीआइ कार्यकर्ता थे। रोजाना की तरह 27 दिसंबर को कासिफ दुकान पर गया थे। रात आठ बजे उनके भाई आशिक अली ने फोन पर बातचीत की, जिस पर कासिफ ने बताया कि एक घंटे में घर पहुंच जाएंगे। उसके बाद कासिफ का मोबाइल बंद हो गया। 30 दिसंबर को परिवार के लोगों ने पाकबड़ा थाने में कासिफ की गुमशुदगी दर्ज कराई। तीन जनवरी को पुलिस ने मुकदमे को अपहरण में तरमीम कर दिया।
इस मामले में पाकबड़ा पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद विकास चौधरी नाम के आरोपी को हिरासत में ले लिया। विकास चौधरी से पूछताछ की गई तो घटना का खुलासा हो गया। एसओ नीरज शर्मा ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में सामने आया कि विकास चौधरी के साथ कासिम अपनी मर्जी से रोडवेज बस में शामली के लिए सवार हुआ था। शामली से दोनों कांधला पहुंच गए, जहां पर कुलदीप बाइक लेकर पहले से खड़ा था। कासिम को बाइक पर बैठाकर शाहपुर स्थित गन्ने के खेत में ले गए, जहां पर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस मान रही है कि विकास चौधरी ने कासिम की हत्या का सेफ गेम खेला था। उसके बाद भी कुछ ऐसे क्लू छोड़ गया, जिससे पुलिस हत्यारोपित तक पहुंच गई।