तस्करों के बुलंद हौसलों से भारत की खाद से लहलहा रही नेपाल की फसलें, जिम्मेदार मौन

फारुख हुसैन

पलिया कलां-खीरी। गौरी फंटा ÷ जहां एक ओर किसान अपनी दुर्दशा पर रो रहा है कि वह क्या करे और कैसे करे जो अपने परिवार का भरण पोषण करे क्योंकि उसे हर ओर से केवल निराशा और निराशा ही मिल रही है । देखा जाए तो एक और जहां किसानो को गन्ने का भुगतान ने बरबादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया जिसके चलते न जाने कितने किसानों न आत्म हत्या कर ली तो न जाने कितने किसान हाथ पर हाथ धरे बैठे हुऐ हैं कि काश सरकार उनकी बात को समझे और उनकी परेशानियों को दूर करें क्योंकि किसानों के हित के लिये न जाने कितने वायदे किये जाते हैं परंतु फिर भी किसान की तकदीर नहीं बदल सकी। परतुं उनकी परेशानियां जब और बढ़ जाती है जब किसानों को मिलने वाली खाद से हमारे पड़ोशी देश नेपाल की फसलें लहलहाती हुई नजर आती हैं । उल्लेखनीय है कि पलिया एक भारत और नेपाल को जोड़ने का कार्य करता हैं लेकिन उधर हमारे भारत नेपाल सीमा गौरीफंटा पर तस्करी का धंधा चरम सीमा पर है परंतु जिम्मेदार इससे अपना रुख मोड़ हुए हैं।

आपको बता दें कि इस समय भारी मात्रा में भारत से खाद की तस्करी की जा रही है तस्कर इतने शातिर हैं कि वो पहले से ही जिम्मेदारों से अपनी सांठ गांठ कर लेते हैं और अपना तस्करी का अवैध धंधा जोरो पर करते है और इस समय हमारे यहां किसानों को दी जाने वाली खाद से हमारे पड़ोशी देश नेपाल की फसलें लहलहाती हुई दिखाई दे रही हैं।जिससे स्पष्ट है कि हमारे सीमा पर तैनात जिम्मेदारों की सह पर ही भारत से खादें नेपाल भिजवाई जाती हैं और हमारे पलिया क्षेत्र के किसानों को खाद ना मिलने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

जानकारी के अनुसार केंद्र की सरकार ने किसानों को खाद मुहैय्या कराये जाने के लिए आनलाईन व्यवस्था भी लागू कर दी हैं। इस आनलाईन व्यवस्था के तहत जिन किसानों के पास कागजों में खेती हैं वही किसान अपना आधार कार्ड सरकारी व निजी खाद की दुकानों पर जाकर  खाद आदि सामान ले सकता हैं। जहां एक और किसान खाद पाने के लिये दुकानों के चक्कर लगाते हुये देखे जा रहे हैं वहीं तहसील पलिया सहित आस पास के क्षेत्रों में खाद के तस्कर माफियाओं की सांठ गांठ से  भारत से खुलेआम खाद तांगें व मोटरसाइकिलों के माध्यम से नेपाल के भजनी, टीकापुर, राजापुर, सत्ती बाजार आदि नेपाल की जगहों पर पहुचाई जा रही हैं। जहां से वहां पर तीन गुनी खाद की कीमत खाद तस्कर माफिया वसूल करते हैं और देखा जाये तो आप खुद देख सकते हैं कभीं सामने से तो कभी जंगल के रास्तों से तस्कर मोटरसाइकिल पर खाद लादकर नेपाल के गांवो तक पहुचाते हैं।

खाद तस्कर नेपाल के बॉर्डर के गांवो में बड़ी आसानी से खाद पहुंचा देते हैं। दिन भर में ये तस्कर चार या पांच चक्कर मोटरसाइकिल से लगा लेते हैं जिससे उनकी अच्छी खासी कमाई होती है। भारत नेपाल सीमा पर तस्करी का बढ़ावा बहुत ही सोचनी विषय है कि एक और किसानों की दयनीय स्थिति लगातार बनी हुई है परंतु फिर भी हमारे जिम्मेदार इससे अपना मुंह मोड़े हुए हैं आखिर इस पर कार्यवाही कब होगी यह सोचनीय विषय  बना हुआ है ।

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