इन्स्पेक्टर राजीव सिंह और उनकी टीम ने बढाया वाराणसी पुलिस का मान, 1493 में अव्वल साबित हुआ थाना आदमपुर
तारिक आज़मी
वाराणसी। उत्तर प्रदेश में कुल 1493 थाने में अगर आपके शहर का थाना प्रथम स्थान प्राप्त करे तो सिर्फ थाना स्थानीय के पुलिस कर्मी ही नही बल्कि क्षेत्र की जनता भी खुश होती है। ऐसा ही महसूस हो रहा है वाराणसी पुलिस का मान बढाने वाले थाना आदमपुर क्षेत्र के नागरिको को। प्रदेश में भले अपराध अपने चरम पर हो मगर आज भी उत्तर प्रदेश पुलिस के काफी कर्मठ अधिकारी और कर्मचारी ऐसे है जो प्रदेश को जंगल राज से बचा कर रखे है। उन्ही में एक है थाना आदमपुर प्रभारी राजीव सिंह और क्षेत्राधिकारी कोतवाली ब्रिज्नंदन राय। उनके प्रयास ही कहेगे इसको अथवा टीम का प्रयास कि समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) के माध्यम से शिकायत निस्तारण में जिले के एसपी सिटी, एसपी क्राइम और आदमपुर इंस्पेक्टर राजीव सिंह ने पहला स्थान प्राप्त किया है।
शासन स्तर से जारी हुई आईजीआरएस रिपोर्ट में आदमपुर पुलिस ने दिसंबर 2018 में समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) पोर्टल पर आदमपुर थाने से जुड़ी समस्त शिकायतों का निस्तारण शत प्रतिशत करते हुवे प्रदेश के 1493 थानों में पहला स्थान प्राप्त किया है। इस प्रकार से निस्तारण में एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह और एसपी क्राइम ज्ञानेंद्र नाथ प्रसाद को भी प्रदेश में पहला स्थान मिला है। वाराणसी जिले के कैंट, चोलापुर और कपसेठी थाने को भी आईजीआरएस से जुड़ी शिकायतों के निस्तारण अच्छा स्थान प्राप्त हुआ है।
दंगे पर नियंत्रण में भी अव्वल साबित हुवे है राजीव
आदमपुर थाना मिश्रित आबादी के क्षेत्र होने के कारण अक्सर ही असामाजिक तत्वों के निगाहों पर रहता है। इस कड़ी में थाना आदमपुर में अब तक तीन प्रयास इन असामाजिक तत्वों का हुआ जिसमे क्षेत्र और शहर की फिजा को बिगाड़ने का प्रयास किया गया। मगर क्षेत्राधिकारी कोतवाली बृजनंदन राय और थाना प्रभारी आदमपुर राजीव सिंह ने इन प्रयासों को न सिर्फ विफल किया बल्कि दंगाइयों को मुह की खानी पड़ी। राजनैतिक रोटियों के माध्यम से चर्चा में बने रहने के प्रयास हमेशा विफल हुवे भले वह नॅशनल इंटर कालेज के पीछे का मामला रहा हो, अथवा कज्जाकपूरा का मामला रहा हो या फिर कुशवाहा अतिथि गृह और फिर नक्कटैया जुलूस के दौरान का मामला रहा हो। दोनों अधिकारियो ने मिल कर क्षेत्र और शहर की फिजा में ज़हर घोलने का प्रयास करने वाले असामाजिक तत्वों को पटखनी देते हुवे मामले का त्वरित निस्तारण कर शांति व्यवस्था का राज कायम रखा हुआ है।