जन अधिकार पार्टी ने शहीदों की याद में निकाला कैंडिल मार्च
प्रत्यूष मिश्रा
बांदा। पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए जन अधिकार पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने कैंडिल मार्च निकाला। पार्टी कार्यालय से अशोक स्तंभ तिराहे पर निकाले गए कैंडिल जुलूस में सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल रहे।
जुलूस के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने वंदे मातरम का गगनभेदी जयघोष किया। आतंकवादियों को सबक सिखाने के लिए प्रधानमंत्री से आवाहन किया। कहा कि आतंकियों का पूरी तरह से सफाया कर दिया जाए ताकि भविष्य में इस कृत्य की पुनरावृत्ति न हो सके। पार्टी पदाधिकारी हाथ में जलती हुई मोमबत्ती लेकर जुलूस की शक्ल में पार्टी कार्यालय से अशोक स्तंभ तिराहे पर पहुंचे और वहां पर जलती हुई मोमबत्तियां रखने के बाद दो मिनट का मौन रखा और ईश्वर से आत्मशांति के लिए प्रार्थना की। एक बार फिर से पदाधिकारियों ने कहा कि किसी भी दशा में आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। इस मौके पर शिवशरण कुशवाहा, महेंद्रपाल वर्मा बुंदेलखंड प्रभारी, हनुमान प्रसाद राजपूत जिलाध्यक्ष, डा. अवनेंद्र , रामसागर नीरज के अलावा मंडल प्रभारी रविकांत कुशवाहा समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
खून का बदला खून से लेना चाहिए
बांदा। बुंदेलखंड जन अधिकार मूवमेंट के पदाधिकारियों ने एक बैठक का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजू कुशवाहा तिंदवारा ने की। बैठक में विगत दिनों पुलवामा में वीर शहीद सैनिकों के प्रति मौन रखकर उनको श्रद्धांजलि दी गई। संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजू कुशवाहा ने कहा कि आतंकवादियों ने जो कायराना आत्मघाती हमला हमारे वीर शहीद सैनिकों पर किया है, उसका सरकार को मुंहतोड़ जवाब देकर खून का बदला खून से लेना चाहिए। पूरा देश आक्रोशित है। सरकार को अभियान चलाकर आतंकवादी संगठनों केा मिटा दे। पुलवामा में हमारे वीर सुरक्षा जवानों पर हुए कायराना हमले ने पूरे मुल्क को झकझोर दिया है, जिससे गहरा दुख व्याप्त है। अध्यक्ष एमजे अहमद ने कहा कि हमारे देश के लिए लहू बहाने वाले वीर सैनिकों के परिवारों के साथ पूरा देश है। वीर सैनिकों की शहादत व्यर्थ न जाए। उनका बदला जरूर लिया जाए। बैठक में संगठन जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार उर्फ पिंटू, मातादीन वर्मा, दिनेश ्रपजापति, अनीस अहमद उर्फ सानू, धर्मेन्द्र कुमार नामदेव, अनिल सिंह राजपूत और रामराज अनुरागी, अब्दुल रफीक कार्यकारिणी सदस्य आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।