बेगुनाहों का कत्ल करने वाले इंसानियत के मुजरिम
प्रदीप दुबे विक्की
गोपीगंज, भदोही। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने का सिलसिला तथा पाक के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग थमने का नाम नहीं ले रही है। इस संबंध में गोपीगंज जामा मस्जिद कमेटी की बैठक में आतंक वाद का खात्मा होने की मांग के साथ साथ मृतक फौजियों के रूह को सुकून मिलने और जख्मी फौजियों के जल्द से जल्द सेहत के लिए दुआखानी की गई।
वक्ताओं ने कहा कि दुनिया भर में दहशत गर्मी फैलाने वाले व बेगुनाह जवानों की हत्या किए जाने का इस्लाम खुलकर विरोध करता है । कहा गया कि किसी भी का कत्लेआम इस्लाम व इंसानियत के खिलाफ है। मजहबे-इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता है ।किसी भी देश में दहशत पैदा करके बेगुनाह लोगों की हत्या करना इस्लाम के कानून में नाजायज है। कुराने पाक में दहशतगर्दी व हत्याओं को हैवानियत से भी निचला दर्जा करार दिया गया है । अपील की गई कि सभी मुसलमानों को इसके खिलाफ एकजुट होकर आवाज बुलंद करते हुए दरिंदों को गोली मार देने की इजाजत देनी चाहिए।
आतंकवाद की जितनी भी निंदा की जाए कम है । क्योंकि इस्लाम किसी की जान लेने की इजाजत नहीं देता है । दुआख्वानी मेें गुड्डू चौधरी, अजीमुल्लाह ,नसरुल्लाह राइन,नसीम हाश्मी,एखलाक फारूकी मोहम्मद जाहिद फारूकी,उमर सलमान, मो०जाहिद राईन,रशीद फारुकी, गुलाम यासीन, बाबू राईन आदि शामिल रहेः