मोदी सरकार को दिया ट्रंप देने वाले है एक बड़ा झटका, ख़त्म कर सकते है पसंदीदा मुल्क का दर्जा, होगा इतना नुकसान
आरिफ अंसारी
नई दिल्ली: एक तरफ भारत में हमारी सरकार चुनावों की तैयारी कर रही है. अपने अमेरिका से मधुर सम्बन्ध गिनवा रही है वही दूसरी तरफ विदेश निति के तहत अपनी उपलब्धिया भी बता रही है. मगर इसी बीच ट्रंप भारत के मधुर संबंधो में एक प्रोफेशन कारोबारी की तरह पेश आये और एक बड़ा झटका देने की तैयारी कर लिया है. ट्रंप ने एक बड़ा झटका देते हुवे हमारे देश से व्यापार के लिए अत्यंत पसंदीदा मुल्क का दर्जा छीन लेने की तैयारी कर लिया है। अमेरिका के इस कदम से भारत का करीब 560 करोड़ डालर का व्यापार खतरे में पड़ जायेगा है।
मीडिया रिपोर्ट्स और समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार अमेरिका ने अपने बाजारों तक उसकी पहुंच प्रदान करने में विफल रहने के बाद भारत के कर मुक्त देश के दर्जे को समाप्त कर दिया है। अमेरिका ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कांग्रेस (संसद) को एक पत्र लिखकर यह जानकारी दी है। ट्रम्प ने सोमवार को कांग्रेस को बताया, “मैं प्राथमिकताओं के सामान्यीकरण प्रणाली (जीएसपी) कार्यक्रम के विकासशील देश के तौर पर भारत को प्राप्त उपाधि को समाप्त करने की सूचना प्रदान कर रहा हूं।
मैं यह कदम इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि अमेरिका तथा भारत सरकार के बीच मजबूत सम्बंध के बावजूद मैंने यह पाया है कि भारत ने अमेरिका को यह आश्वासन नहीं दिया है कि वह अपने बाजारों में उसकी न्याय संगत और उचित पहुंच प्रदान करेगा।” इसके साथ ही ट्रम्प ने एक अलग पत्र में कांग्रेस को बताया है कि उन्होंने आर्थिक विकास के आधार पर तुर्की के कर मुक्त देश के दर्जे को भी समाप्त कर दिया है।
ट्रम्प ने यह कदम हाल ही भारत की ओर से अमेरिकी आयात पर शुल्क बढ़ाने के जवाब में उठाया है। ट्रम्प ने कहा है कि भारत सरकार के साथ काफी चर्चा के बाद वे ये क़दम उठा रहे हैं क्योंकि भारत ने अब तक अमेरिका को इस बात का आश्वासन नहीं दिया है कि वो अपने बाज़ारों तक अमेरिकी समान और उचित तरीके से पहुंचने देगा।
गौरतलब हो कि सन् 1970 में अमेरिका ने खास आयात नीति अपनाते हुए भारत और तुर्की को विकासशील देश के रूप में अत्यंत पसंदीदा मुल्क का दर्जा दिया था। इस दर्जे के समाप्त होने के बाद भारत का करीब 560 करोड़ डालर का सामान आयात शुल्क चुकाने के बाद ही अमेरिकी बाजारों तक पहुंच पाएगा। कांग्रेस जब इस आदेश को पारित कर देगी तब साठ दिन बाद यह नियम अमल में आ जाएगा। ये भारत सरकार को एक बड़ा कारोबारी झटका होगा। हमारे मधुर संबंधो के बाद भी अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने हमसे एक कारोबारी की तरह सम्बन्ध बनाये ये एक सोचनीय विषय है। अब देखना होगा कि विदेश मंत्रालय इस प्रकरण में क्या कदम उठा रहा है।