महिला ऐच्छिक ब्यूरो के प्रयास से पांच दंपति साथ-साथ रहने को हुए राजी
21 मामलो में 11 का हुआ निस्तारण
संजय ठाकुर
मऊ। महिला ऐच्छिक ब्यूरो की बैठक रविवार को पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र बहादुर के निर्देशन तथा सीओ मधुबन श्वेता आशुतोष की देखरेख में पुलिस लाइन में हुई। इसमें कुल 21 पारिवारिक मामले आए, जिसमें ब्यूरो के सदस्यों के प्रयास से 11 मामलों का निस्तारण हुआ। जिसमें पांच दंपति ने सभी मतभेद भुलाकर साथ-साथ रहने को तैयार हो गए। शेष मामलो में बैठक की अगली तिथि सात अप्रैल 2019 नियत कर पक्षकारों को नोटिस भेजेे जाने का निर्देश दिया गया।
ऐच्छिक ब्यूरो के सदस्यों के प्रयास से मंजूर अहमद और एजाज अहमद, सोनम चौरसिया और दीपचंद चौरसिया, माजदा खातून और इसरारुलहक, जितेंद्र और नीलम तथा खलीकुर्रहमान और इशरतजहां ने अपना मतभेद भूलाकर साथ-साथ रहने को तैयार हो गये। वही संगीता चौहान और विनोद चौहान तथा आरती गुप्ता और कन्हैया गुप्ता के मामले पक्षकरो के आपसी सहमति से मामला निस्तारित कर दिया गया। साथ ही मेहरुनिशा और नोमान, विजय और जयश्री औढेकर, नरेंद्र और उर्मिला तथा फैज अहमद और शकीला के मामले एक-एक पक्ष के लगातार अनुपस्थित के चलते पत्रावली निस्तारित कर दी गई। इस दौरान प्रतिमा प्रजापति और प्रेमप्रकाश तथा हसीना खातून और जलालुदुदीन के मामले में पक्षकारों ने सुलह के लिए समय की मांग किया। वहीं किरन और सत्येंद्र कुमार, रुकिशा खातून और मुहम्मद शाहिद, रागिनी और शिवम सिंह, प्रेमशीला और संजय कुमार तथा शबाना और दिलशाद के मामले में एक-एक पक्षकार उपस्थित हुए।
सविता और राजेंद्र यादव, सरिता यादव और महेंद्र तथा योगेश कुमार और सुनीता के मामले में कोई पक्ष उपस्थित नहीं हुआ। जिसके चलते बैठक की अगली तिथि सात अप्रैल 2019 नियत कर पक्षकारों को नोटिस भेजे जाने का निर्देश दिया गया। इस दौरान ब्यूरो केंद्र के सदस्यगण इब्राहिम सेवक, अर्चना उपाध्याय, विनोद कुमार सिंह, डा.एमए खान, मौलवी अरशद, रत्नेश पांडेय , आरक्षी सोनी सिंह और इशरावती यादव ने अपना योगदान दिया। बैठक में काफी संख्या में पक्षकार और उनके परिजन उपस्थित रहे।