न्यूज़ीलैंड में मस्जिद में हुई गोलीकांड पर जश्न माना रहा ये शक्स, उत्तर प्रदेश पुलिस क्या लेगी इसके खिलाफ एक्शन ?
ऐसी ही नफरते भरी थी उन आतंकियों में जिसने किया न्यूज़ीलैंड में आतंकी घटना
अनुपम राज
कोई भी आतंकी घटना निंदनीय होती है। मरने वाला मस्जिद में मरे या फिर मंदिर में वो बेक़सूर और निहत्था आम नागरिक होता है। मौत का कोई मज़हब नही होता और आतंक का कोई धर्म नही होता। इन सबके बावजूद आज मुल्क में ऐसे सोशल मीडिया पर गद्दार और देश को टुकडो में तकसीम करने वाले लोग भी पड़े है जो अपने बौधिक आतंक के माध्यम से देश की खुशहाली को बर्बादी में तब्दील करने की फिराक में है। ये सिर्फ और सिर्फ नफरतो की फसल बोने वाले है जिनके नफरतो के कारण समाज कई हिस्सों में तकसीम होने के कगार पर है। न्यूज़ीलैंड की युवा प्रधानमंत्री का बयान इस सन्दर्भ में प्रशासनीय है जिसमे उन्होंने इस आतंकी घटना की कड़े शब्दों में निंदा किया है और विविधता पर जोर दिया।
मगर हमारे देश में एक इंसानों की फ़ौज ऐसी भी तैयार हो रही है जो धर्म विशेष के लोगो के खिलाफ नफरत का ज़हर बो रही है। अब इसी घटना के सन्दर्भ में जहा पूरा विश्व इस घटना की निंदा कर रहा है वही लखनऊ का एक सोशल मीडिया यूज़र जो खुद का नाम सुन्दरम सिंह शिशोदिया लिखता है ने इस घटना की प्रशंसा करे हुवे लिखा है कि न्यूज़ीलैंड में लगने वाले अर्धशतक का हम स्वागत करते है, अभिनंदनीय। ये नफरत का सौदागर अकेला नही है। इसके इस पोस्ट को लाइक करने वालो की ताय्दात भी कम नही है।
सबसे बड़ी बात इसके पुरे वाल पर सिर्फ एक पार्टी विशेष का परचम और मुस्लिम समुदाय से नफरत का पोस्ट भरा पड़ा है। ऐसी ही नफरतो को लेकर ब्रेटन तैरेंट जो आस्ट्रेलिया मूल का नागरिक है और ट्रंप की नीतियों का समर्थक है आधुनिक असलहो के साथ मस्जिद में घुस कर यह जघन्य हत्या कांड करता है। आखिर कब तक ऐसे नफरत फैलाने वालो पर उत्तर प्रदेश पुलिस अपनी आँख बंद कर रखेगी। आखिर कब तक ये नफरतो के सौदागर अपना सौदा इसी तरह बेचते रहेगे। क्यों नही नफरतो के बीज बोने वाले पर उत्तर प्रदेश पुलिस कोई कार्यवाही करती है। आखिर कब तक इनको मुल्क के अन्दर फसाद करवाने की छुट मिलती रहेगी।
देखने वाली बात होगी कि अब संज्ञान आने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस लखनऊ के रहने वाले इस युवक पर कोई कार्यवाही करती है या फिर ऐसे ही इसको नफरते फैलाने के लिये खुला छोड़ दिये रहती है।