महिला ऐच्छिक ब्यूरो के प्रयास से चार दंपति साथ-साथ रहने को हुए राजी
20 मामले आए छह का हुआ निस्तारण
संजय ठाकुर
मऊ। महिला ऐच्छिक ब्यूरो की बैठक रविवार को पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र बहादुर के निर्देशन तथा सीओ मधुबन श्वेता आशुतोष की देखरेख में पुलिस लाइन में हुई। इसमें कुल 20 पारिवारिक मामले आए, जिसमें ब्यूरो के सदस्यों के प्रयास से छह मामलों का निस्तारण हुआ। जिसमें चार दंपति सभी मतभेद भुलाकर साथ-साथ रहने को तैयार हो गए। वही दो मामलों में सुलह न होने की स्थिति में पत्रावली अग्रिम कार्यवाही के लिए भेज दी गई। शेष मामलो में बैठक की अगली तिथि 21अप्रैल 2019 नियत कर पक्षकारों को नोटिस भेजेे जाने का निर्देश दिया गया।
ऐच्छिक ब्यूरो के सदस्यों के प्रयास से प्रमोद कुमार और इंदू देवी, रितु और सत्यम गुप्ता, शाइस्ता खातून और मोहम्मद नदीम तथा मनोज और ऊषा ने अपना-अपना मतभेद भुलाकर साथ-साथ रहने को तैयार हो गए। वही किरन और सत्येंद्र तथा प्रतिभा और प्रेमप्रकाश के मामले में पक्षकारो के बीच सुलह न होने की स्थिति में पत्रावली अग्रिम कार्यवाही के लिए भेज दी गई। इस दौरान शबाना और दिलशाद तथा प्रेमशीला और संजय के मामले में पक्षकारों ने समय की मांग किया। वही हसीना और जलालुद्दीन, सरिता और महेंद्र,उम्मेऐमन और सलमान, सुनीला और रामदुलारे तथा अंकिता वर्नवाल और शंकरदयाल के मामले में एक-एक पक्षकार उपिस्थित हुआ। वही मनीष और राजबहादुर,रुफिशा और मोहम्मद शाहिद,योगेश और सुनीता,सविता और राजेंद्र, रागिनी और शिवम,पिंकी और मनीष कश्यप तथा रमाकांत और संतोष के मामले में कोई पक्षकार उपस्थित नहीं हुआ। जिसके चलते बैठक की अगली तिथि 21 अप्रैल 2019 नियत कर पक्षकारों को नोटिस भेजे जाने का निर्देश दिया गया। इस दौरान ब्यूरो केंद्र के सदस्यगण इब्राहिम सेवक, सर्वेश दूबे, विनोद कुमार सिंह, डा.एमए खान, मौलवी अरशद, रत्नेश पांडेय , रेशमा हासिमी, महिला आरक्षी सोनी सिंह और इशरावती यादव ने अपना योगदान दिया। बैठक में काफी संख्या में पक्षकार और उनके परिजन उपस्थित रहे।