सरकारी अस्पताल में बाहर की दवाई लिखने पर हंगामा, पीड़ित महिला ने की पुलिस से शिकायत

पीड़ित महिला का डॉक्टर पर आरोप इलाज के मांगे 500 रुपये, और किया अभद्र भाषा का प्रयोग

फ़ारुख हुसैन

बिजुआ-खीरी। प्रदेश सरकार नई नई स्वस्थ्य संबंधी जैसी योजनाएं लाकर गरीब तबके के लोगो को मुफ्त इलाज करने पर जोर दे रही है वही संबंधित विभाग के अधिकारी सरकार की मंशा पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिजुआ में देखने को मिला है जहाँ बुधवार को अस्पताल में अपने बच्चे का इलाज कराने आयी एक महिला ने डॉक्टर पर अवैध वसूली एवं गाली गलौज करने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। धीरे धीरे मामला इतना गर्म हो गया कि पीड़ित महिला को बिजुआ पुलिस चौकी पर मामले की लिखित शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाना पडा।
भीरा थाना क्षेत्र के ग्राम मनहरिया निवासी पीड़ित महिला रंजू देवी पत्नी रमाकांत ने अस्पताल में मौजूद एक डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाते हुए। बताया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिजुआ में वह अपनी एक वर्षीय बच्ची आराध्या की दवाई लेने आई थी। पीड़ित महिला अपने बच्चे को डॉक्टर के पास दिखाने गई जहाँ डॉ प्रवीण निगम ने पर्चे पर दवाई लिख कर बाहर से लाने के लिए कहा दिया। जिस पर महिला ने कहा मेरे पास पैसा नहीं अस्पताल से ही दवाई दे दो। महिला ने डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगते हुए कहा उक्त व्यक्ति ने अश्लीलता भरे शब्दों का उपयोग करते हुए मुझको गंदी गंदी गालियां दी। और धक्का मार कर मुझे भगा दिया। साथ ही साथ पीड़ित महिला का यह भी आरोप है अस्पताल के अंदर मुझसे दवा दिलवाने के नाम पर डॉक्टर ने 500 रुपये मांगे थे। पीड़ित महिला ने संबंधित मामले की बिजुआ चौकी पर शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है।

महिला द्वारा लगाए गए सारे आरोप गलत है। महिला अपने बच्चे को लेकर अस्प्ताल आई थी। बच्चे को बुखार और खुजली के दाने थे। तो मैंने बुखार की दवाई लिख दी थी। तो महिला ने खुजली की दवाई लिखने को कहाँ, तो अस्प्ताल में एंटीक एलर्जिक की दवाई थी नही। जो काफी समय से अस्प्ताल में नही तो मैंने मना कर दिया था। महिला ने कहाँ आप बाहर से खुजली की दवाई लिख दो, दवाई लिखने के बाद महिला चली गयी और 5 मिनट बाद वह अपने पति और एक अन्य व्यक्ति के साथ आती है। जो मेरे कमरे में घुसकर जोर जोर से चिल्लाने लगे कि आप ने बाहर की दवाई क्यो लिख दी। ऐसे कैसे दवाई नही दोगे। शोर शराबा अधिक होने पर इन लोगो को कमरे के बाहर सिर्फ निकाला गया था। क्यो की कमरे में और भी मरीज बैठे थे। महिला के बच्चे की जो बीमारी थी उसके लिए अस्पताल से बुखार और एंटीबायोटिक की दवाई दी गयी थी। इसके आलाबा वो बाहर की दवाई मांग रहे थे। जो अस्प्ताल में नही थी। और जो महिला द्वारा पैसे लेने का आरोप लगाया गया है वो गलत है।

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