मलाई खाने वाले प्रत्याशियों के ठेकेदारों की नींद उड़ी
प्रदीप दुबे विक्की
ज्ञानपुर, भदोही। चुनाव समय में ठेकेदारों ने अपनी कमाई का एक अच्छा स्रोत समझकर प्रत्याशियों के साथ डेरा डाल दिए थे। और लंबी चौड़ी हाककर उनसे खूब मलाई गाठी। अब 23 मई का इंतजार है, और जब ईवीएम से चुनावी नतीजे निकलेंगे तो सभी ठेकेदारों की पोल खुल जाएगी। और उनके ठेके की पोलिंग बूथ पर पड़े वोट से स्पष्ट हो जाएगा। तब उनको खट्टे- मीठे का स्वाद लेना पड़ेगा। चुनाव आयोग ने हालांकि बड़े शख्त दिशा निर्देश दे रखे थे। जिससे इस बार ज्यादा हल्ला गुल्ला नहीं मिल सका।
प्रेक्षक भी एक एक बात पर नजर रख रहे थे। इस चुनावी पर्व पर ज्यादा से ज्यादा प्रसाद हासिल करने के लिए ठेकेदार भी निकल पड़े, और उन्होंने यह तलाश किया कि कौन सा प्रत्याशी उनको ज्यादा लिफ्ट देकर उनको आर्थिक लाभ पहुंचा सकता है। बस फिर क्या था ठेकेदार प्रत्याशियों के यहां डेरा डाल दिए और उन को प्रभावित करने के लिए जहां अपनी बिरादरी के एक- एक वोट दिलाने का भरपूर वादा किया। वहीं क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत बता कर दो चार जगह प्रत्याशी को ले जाकर आभास कराने का प्रयास किया। इस सब बातों में जब प्रत्याशी प्रभावित हुए तो उनके खर्चे का जिम्मा ले लिया। इस तरह सेएक महीने तक ठेकेदारों ने खूब मौज उड़ाई। कहा तो यहां तक जाता है कि यह ठेकेदार अपने परिवार तक के वोट भी नहीं दिला सके और पूरे क्षेत्र का ठेका ले रखे थे। लेकिन आम जनता इस बार किसी के बहकावे में नहीं आई और ना ही किसी लहर में आई। इन सब बातों को लेकर सभी प्रत्याशी अभी-अभी तरह-तरह की क्षेत्र में पड़े वोटों की खबरे सुनकर असमंजस में पड़े हुए हैं। और उनकी नींद भी नहीं आ रही है ।
अब 23 तारीख को जब नतीजा सामने आएगा। और पोलिंग पर पड़े मतों की संख्या सामने आएगी,तो ठेकेदारों की असलियत भी सामने आ जाएगी ।तब प्रत्याशियों को एहसास होगा कि मलाई कांटने कावाले ठेकेदार उनके कितने वफादार निकले । ठेकेदारों को भी इस बात का पूरी तरह से एहसास होगा कि उन्होंने प्रत्याशी के सामने खूब लंबी चौड़ी हांकी थी, लेकिन मतदाताओं ने उनकी एक न सुनी और अपने मन से वोट किया।