गोडसे ने गांधी के सिर्फ शरीर की हत्या किया था, लेकिन प्रज्ञा ठाकुर जिसे लोग उनकी आत्मा की हत्या कर रहे है – नोबेल पुरुस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी
आफताब फारुकी
नई दिल्ली: साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा नाथू राम गोडसे पर दिये गए बयान पर भले झी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने माफ़ी मांग लिया हो और अपना बयान वापस ले लिया हो मगर मामला ठंडा होता नही दिखाई दे रहा है। लगातार विवादित बयानों के कारण चर्चा का केंद्र खुद पर सीमित रखने के प्रयास में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के द्वारा इस बयान पर मामला तुल पकडे हुवे है और चत्रुदिक निंदा तथा साध्वी के समर्थको द्वारा कमेन्ट के तौर पर साध्वी के बयान का कथित तौर पर समर्थन मामले को और भी ज्यादा तुल दे रहा है।
बताते चले कि देवास संसदीय सीट पर पार्टी उम्मीदवार महेन्द्र सोलंकी के समर्थन में रोडशो कर रही प्रज्ञा ठाकुर ने एक सवाल के जवाब में कहा था, ‘नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। गोडसे को आतंकी बोलने वाले खुद के गिरेबान में झांककर देखें। अबकी बार चुनाव में ऐसा बोलने वालों को जवाब दे दिया जाएगा। साध्वी के बयान को लेकर पूरे देश में बवाल में मच गया था। पार्टी ने आनन-फानन में बयान जारी कर कहा था कि वह प्रज्ञा के बयान से सहमत नहीं है। बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने अपने बयान में कहा था कि भाजपा उनके बयान से सहमत नहीं है और इसकी निंदा करती है और पार्टी उनसे स्पष्टीकरण मांगेगी।
इसके बाद गुरुवार देर रात साध्वी ने अपने बयान पर माफी मांगते हुए कहा था ‘अपने संगठन बीजेपी में निष्ठा रखती हूं। उसकी कार्यकर्ता हूं और पार्टी की लाइन ही मेरी लाइन है।’ इसके बाद भी मामला तुल पकडे हुवे है और सोशल मीडिया पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर कड़ी अपत्तिया आ रही है। दूसरी तरफ साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के कुछ मुट्ठी भर समर्थक इस बयान की तारीफ भी करने में नही चुक रहे है। हद तो तब और भी ख़त्म हो जाती है जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने वाले नोबेल पुरुस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी को भी साध्वी के समर्थक देश भक्ति का पाठ पढ़ाने में पीछे नही हट रहे है।
इस मामले में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी का बयान सामने आया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘गोडसे ने गांधी के शरीर की हत्या की थी, लेकिन प्रज्ञा जैसे लोग उनकी आत्मा की हत्या के साथ, अहिंसा, शांति, सहिष्णुता और भारत की आत्मा की हत्या कर रहे हैं। गांधी हर सत्ता और राजनीति से ऊपर हैं। भाजपा नेतृत्व छोटे से फायदे का मोह छोड़ कर उन्हें तत्काल पार्टी से निकाल कर राजधर्म निभाए।
इस ट्वीट के बाद साध्वी समथको ने ट्वीट कर कैलाश सत्यार्थी को ही देश भक्ति का पाठ पढ़ाना शुरू कर दिया। वैसे ये चंद मुट्ठी भर समर्थक ही है मगर उनके जवाब देने के तरीके ने मर्यादाओं को तोड़ दिया है। नामो के आगे चौकीदार लगाये ये समर्थक मामले में साध्वी को क्लीन चिट दे रहे है और उनके बयान का समर्थन कर रहे है।