नोटरी तक गुजरात से लाने वाले मोदी जी को बनारस के अधिवक्ताओ और अपने कार्यकर्ताओ पर नही भरोसा, मुद्दे पर नही नेहरू, इंद्रा, राजीव पर अनुचित टिप्पणी से चुनाव लड़ रहे – मोहन प्रकाश
अनुपम राज
वाराणसी. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव मोहन प्रकाश ने आज कांग्रेस मीडिया सेंटर में एक पत्रकार वार्ता के बीच कहाकि प्रधान मंत्री पांच साल तक देश एवं वाराणसी में अपने कामों और पिछले चुनाव के जुमला बने वादों के नाम पर नहीं, पाकिस्तान के नाम पर या नेहरू से राजीव गांधी तक पर अवांछित भाषा प्रयोग के सहारे चुनाव लड़ रहे हैं। नेहरू, इन्दिरा, राजीव पर अनुचित भाषा का उनके द्वारा प्रयोग इन महान राष्ट्रनायकों को लगातार चुनने वाले उत्तर प्रदेश का अपमान है।
उन्होंने कहाकि छ: चरण के चुनावों से देश में सत्ता परिवर्तन का संदेश साफ हो चुका है। वर्तमान सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को जिस तरह बर्बाद किया है, उस पृष्ठभूमि में बनने वाली नई सरकार की सबसे गंभीर चुनौती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना होगा। प्रधानमंत्री कांग्रेस मुक्त भारत, सवाल मुक्त संसद, पत्नी मुक्त जीवन, प्रत्याशी मुक्त बनारस और दिमाग मुक्त भक्त के भंवर में ही उलझे रहे और आज वह अपने कामों के नाम पर चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं हैं। बादलों की ओट लेकर राडार से बचा जा सकता है जैसी अपनी राय जैसी उपहासास्पद बातों से लोगों को भरमा कर परेशानहाल आम जनता के बुनियादी मुद्दों से कतराने की कोशिश कर रहे हैं।
मोहन प्रकाश ने कहा कि बनारस से एम्स का हक मोदी जी ने छीना, कोई नई संस्था विकसित नहीं हुई, 17 किमी सड़क की ब्रैंडिंग होती है और शेष ऐसा ध्वंसात्मक अभियान है जैसे बनारस पर गुजरात का कोई हमला हुआ है। विश्वनाथ को मुक्त करने के नाम पर उसकी ऐतिहासिकता के ध्वंस सहित सभी अन्य ठेके गुजराती लोगों के हांथ में रहे। आज जन जन के महादेव के दर्शन पर शुल्क लगाया और कल उनके चारो ओर होने वाले निर्माण पर गुजराती व्यापारियों के कब्जे की तैयारी है। बनारसी भाजपाजनों तक पर उनका भरोसा नहीं, नामांकन हेतु वकील और नोटरी तक गुजरात से लेकर आते हैं। यह काशी की अस्मिता की रक्षा और उस पर गुजरात के वर्चस्व के बीच का चुनावी संघर्ष है।