साबित हुआ कि जाको राखे साइयाँ, मार सके न कोय, गहरे सूखे कुंए से जिंदा नवजात बरामद
प्रदीप दुबे विक्की
गोपीगंज,भदोही। “जाको राखे साइयां मार सके ना कोय” यह कहावत उस समय चरितार्थ हुई जब एक निर्दयी मां ने कुछ घंटों पहले जन्मे अपने मासूम् को कपड़े में लपेटकर गहरे कुएं में मरने के लिए फेंक दिया । शुक्रवार को सुबह लगभग 6:00 बजे बच्चे के रोने की आवाज सुनकर राहगीर की नजर कुएं के तरफ पड़ी, तो आसपास के काफी ग्रामीण भी मौके पर एकत्र हो गए। लोगों ने आनन-फानन में नवजात को बाहर निकाल कर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस उसे तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गई। चिकित्सकों ने प्रारंभिक उपचार के बाद नवजात को जिला चिकित्सालय महाराज चेतसिंह रेफर कर दिया।
इस संबंध मे जानकारी देते कोतवाली प्रभारी गोपीगंज संजय कुमार राय ने बताया कि सेंट थॉमस स्कूल से जोगिनका गांव जाने वाले मार्ग स्थित एक कुएं से किसी की बच्चे की रोने की आवाज सुनकर राहगीरों ने देखा कि कपड़े में लिपटा एक नवजात शिशु(बालिका) कुंए मे अंदर पड़ा रो रहा था । उसे चीटियां भी काट रही थी। देखते ही देखते काफी ग्रामीणों की भीड़ कुएं के पास एकत्र हो गई।
सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने फौरन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपीगंज ले गए, जहां से उसे ज्ञानपुर स्थित जिला चिकित्सालय चेतसिंह को रेफर किया गया। यहां नवजात बच्ची की हालत ठीक बताई गई है। वरिष्ठ चिकित्सक डा० गुप्ता के अनुसार बच्चे का जन्म आज की ही बीती रात किसी समय हुआ है। फिलहाल खतरे से बाहर है उधर लावारिस नवजात को इस हालत में फेंके जाने को लेकर समूचे नगर में दिनभर तरह-तरह की चर्चाएं होती रही।