दूरबीन और सीसीटीवी कैमरों से कर रहे है प्रत्याशी ईवीएम और स्ट्रांग रूम की निगरानी
आफताब फारुकी
मेरठ। ईवीएम को लेकर चल रहे विवाद में अब विपक्षी दलों ने बड़ी सावधानी बरतनी शुरू कर दी है। हर शहर में ही प्रत्याशी और उनके समर्थक स्ट्रोंग रूम के बाहर डेरा डाले बैठे है। इस दौरान बड़ी बारीक नजरो से स्ट्रांग रूम की निगरानी हो रही है। मतदान के बाद मतगणना स्थलों तक पहुंचाने में गड़बड़ी और उनके दुरुपयोग को लेकर विभिन्न इलाकों से मिली शिकायतों के बाद विपक्ष के प्रत्याशियों ने इसकी सुरक्षा के कई तरह से और भी उपाय किये है।
इन उपायों के बीच उत्तर प्रदेश के मेरठ में गठबंधन कार्यकर्ताओं ने स्ट्रॉंग रूम के बाहर तंबू लगा दिया है। इस तंबू में 24 घंटे कार्यकर्ताओं ने डेरा डाल रखा है। इतना ही नहीं, बल्कि ये कार्यकर्ता कैमरों और दूरबीन के जरिए ईवीएम की निगरानी कर रहे हैं। जबकि चुनाव आयोग ने इस तरह की शिकायतों को शुरुआती जांच के आधार पर गलत बताते हुए कहा है कि मतदान में प्रयोग की गयी ईवीएम और वीवीपैट मशीनें स्ट्रांग रूम’ में पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
इस बीच आयोग के दिल्ली स्थित मुख्यालय में ईवीएम संबंधी शिकयातों के तत्काल निस्तारण के लिए एक नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) ने भी मंगलवार को काम करना शुरु कर दिया। आयोग द्वारा जारी बयान के मुताबिक, निर्वाचन सदन से संचालित कंट्रोल रूम चुनाव परिणाम आने तक 24 घंटे कार्यरत रहेगा। इसके जरिये ईवीएम की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जायेगी। लोकसभा चुनाव के लिये रविवार को सात चरण में संपन्न हुये मतदान के बाद 23 मई को सुबह आठ बजे से मतगणना होगी।
गौरतलब हो कि आयोग ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, चंदौली, डुमरियागंज और झांसी में मशीनों को मतगणना केन्द्रों तक ले जाने में और उनके रखरखाव में गड़बड़ी की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुये संबद्ध राज्यों के जिला निर्वाचन अधिकारियों से तत्काल जांच रिपोर्ट ली थी। जांच में पाया गया कि जिन मशीनों के बारे में शिकायत की गयी है वे रिजर्व मशीनें थीं। इनका मतदान में इस्तेमाल नहीं किया गया था। मतदान के दौरान ईवीएम में तकनीकी खराबी होने पर उन्हें रिजर्व मशीनों से बदला जाता है।
वही दूसरी तरफ विपक्ष ने भी इसके ऊपर सवाल उठाया है कि आखिर 24 घंटे और कई जगहों पर इससे अधिक समय था ये रिज़र्व मशीने कहा थी और किसके संरक्षण में थी। ये एक बड़ा सवाल है जिसके लिए सम्बंधित अधिकारी जवाब नही दे रहे है। वैसे कई जगहों पर रिज़र्व मशीनों को लेकर हुवे बवाल के बाद उन मशीनों को मौके से हटा दिया गया है। वही गाजीपुर के गठबंधन प्रत्याशी अफजाल अंसारी ने कहा है कि जब तक मैं जिंदा हु जिले में लोकतंत्र की हत्या नही होने दूंगा।