27 मुस्लिम सांसदों के सहारे उठेगी इस बार 25 करोड़ मुस्लिमो की संसद में आवाज़
आदिल अहमद
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2019 में जनता का फैसला आ चूका है और भाजपा इस बार प्रचंड बहुमत से सरकार बना रही है। विपक्ष काफी कमज़ोर स्थिति में नज़र आ रहा है। इस दौरान लोकसभा में मुस्लिम हक पर आवाज़ बुलंद करने के लिए 2014 की तुलना में इस बार लोकसभा जाने वाले मुसलमान सांसदो की संख्या बढ़ गई है, इस बार कुल 27 मुस्लिम सांसद लोकसभा जा रहे हैं, जबकि 2014 में यह संख्या कुल 23 ही थी। उत्तर प्रदेश में सपा बसपा का गठबंधन भले ही सफ़ल ना रहा हो लेकिन, ये महागठबंधन उत्तर प्रदेश से 6 मुस्लिम सांसदों को जिताने में कामयाब रहा है। एक तरह से कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश के मुसलमानों की आवाज़ संसद तक पहुचाने की ज़िम्मेदारी इन मुस्लिम सांसदों की होगी।
2014 की अगर बात करे तो यूपी से एक भी मुस्लिम सांसद नहीं था। इस बार के नतीजों में सपा के आजम खान रामपुर से, बसपा से कुंवर दानिश अली अमरोहा से, बसपा से ही अफ़ज़ल अंसारी गाजीपुर से, सपा के डॉ एस टी हसन मुरादाबाद से, हाजी फजलुर्रहमान सहारनपुर से और डॉ शफ़ीकुर्रहमान बर्क संभल से जीतने में क़ामयाब रहे हैं।
वही असम से भी दो मुसलमान सांसद संसद भवन जा रहे हैं। एआईयुडीऍफ़ के प्रमुख बदरूद्दीन अजमल अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे हैं और असम से अब्दुल खालिक भी संसद पहुंचने में कामयाब रहे हैं। केरल से दो और पश्चिम बंगाल से 4 नुसरत जहां रुही, खलीलुर्रहमान, साजिद खान और अबू ताहिर ने जीत हासिल की है।
हैदराबाद से एआईएमआईएम प्रमुख असादुद्दीन ओवैसी ने हर बार की तरह इस बार भी बड़ी जीत हासिल की है। वहीं उनके टिकट पर महाराष्ट्र के औरंगाबाद से इम्तियाज़ जलील ने जीत दर्ज की है। मोहम्मद फैजल लक्ष्यद्वीप से जीते हैं, मोहम्मद सादिक पंजाब से जीते हैं, वहीं जम्मू कश्मीर से फारूख अब्दुल्ला समेत 3 मुस्लिम सांसद बने हैं। इस दौरान एनडीए से सिर्फ एक मुसलमान सांसद जीते हैं वह है बिहार से महमूद अली कैसर। कैसर को टिकट जेडीयू ने अपने खाते से दिया था। वहीं तमिलनाडू से भी एक सासंद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के टिकट पर नवाज कानी लोकसभा पहुंचे हैं। इसके अलावा भाजपा से कोई भी मुस्लिम चेहरा संसद नही पंहुचा है।
बताते चले कि भारतीय चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा 49 मुस्लिम सांसद 1980 में संसद पहुंचे थे। यही नही अगर पिछले लोकसभा चुनावों पर नज़र डालें तो सबसे ज़्यादा 2004 में 34 मुस्लिम सांसद बने थे ये संख्या 2009 में घटकर 30 रह गई और फिर सबसे कम 2014 में 23 मुस्लिम लोकसभा पहुंचे थे। अब इस बार 27 मुस्लिम सांसद सदन में पहुचे है। मुस्लिम समुदाय को इस बार यह आशा बलवती है कि अब शायद सच्चर कमेटी की सिफ़ारिशो को लागू करने का मुद्दा सदन में उठे।