थाना परिसर में जर्जर हो रहे वाहनों की कब होगी नीलामी

प्रदीप दुबे विक्की

ज्ञानपुर,भदोही। जनपद के अधिकांश थानों में पुलिस कस्टडी में आने वाले वाहनों को खुले आसमान के नीचे सड़नेे के लिए छोड़ दिया जाता है। वहीं वाहनों के मालिकों को कानूनी दांवपेच बताकर सालों सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगवाए जा रहे हैं। जिसके चलते हजारों वाहन बेवजह सड़ रहे हैं। ये सभी वाहन चोरी अथवा सड़क हादसे के दौरान जब्त किए जाने वाले हैं। पर शासनादेश के बावजूद भी वाहनों की नीलामी नहीं कराई जाती है। जिसके चलते प्रति वर्ष कई लाख के वाहन बेवजह बर्बाद हो रहे हैं।
बताते चलें कि एक ओर जहां प्रदेश सरकार के सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश के समस्त थानाध्यक्षों सहित सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता कायम रखने के लिए फरमान जारी किया है। वहीं दूसरी ओर पुलिस प्रशासन की लापरवाही के चलते थानों में हजारों वाहन बेवजह सड़ रहे हैं। जिले के सभी थानों में भारी संख्या में बाईकें और अन्य छोटे-बड़े वाहन वर्षों से बर्बाद हो रहे हैं। यह सभी वाहन चोरी ,सीज, चालान, सड़क हादसे के दौरान जब्त होने वाले हैं। वाहनों की रिकवरी के लिए जब किसी वाहन स्वामी द्वारा कोशिश की जाती है, तो उन्हें कानूनी दांवपेच बता कर बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगवाए जाते हैं। जिसके चलते प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में वाहन बेवजह बर्बाद हो रहे हैं। वहीं पुलिस प्रशासन द्वारा वाहनों को खुले आसमान के नीचे सड़ने के लिए रख दिया जाता है। जिले के सभी थानों को मिलाकर कई हजार वाहन बेवजह सड़ रहे हैं। ग्रामीण इलाकों की अपेक्षा नगरीय क्षेत्रों में पड़ने वाले थानो में लावारिस वाहनों की संख्या काफी अधिक है। कोतवाली ज्ञानपुर सहित गोपीगंज,औराई, ऊंज थानों में लावारिस वाहनों की संख्या चौकाने वाली है। इन थानों में जब्त किए जाने वाले अधिकांशतः वाहन बाईक और कार शामिल है। उक्त सभी वाहनों के सड़ने की वजह से बर्बाद हो रहे हैं। लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।
शासनादेश के बाद ऐसे वाहनों की नीलामी नहीं की जा रही है। यदि ऐसे वाहनों की नीलामी कराई जाए तो ऐसे वाहनों को पुनः उपयोग में लाया जा सकेगा,वहीं इससे लाखों रुपए का राजस्व प्राप्त होगा। लेकिन पुलिस प्रशासन की लापरवाही एवं उदासीनता के चलते सड़ रहे वाहन वेवजह बर्बाद हो रहे है।
गोरतलब है कि सड़क हादसे अथवा चोरी में बरामद वाहनों की बाकायद लिस्ट बनाकर जिलेवार थानो मे सूचनाएं देने का प्रावधान किया गया है।लेकिन पुलिसकर्मियों की लचर कार्यशैली के चलतेइन वाहनों के बारे में कोई भी जानकारी प्रकाश में नहीं आ रही है। ह्मवहीं पुलिस प्रशासन द्वारा जब किए गए वाहों को खुले आसमान के लिए नीचे सड़ने के लिए रख दिया जाता है।सूत्रों के मुताबिक थानों में पड़ी बाइकों पर कई वाहनों की बैटरी और कीमती पुण्य गायब हो चुके हैं ।
जिले में कईयों हजार वाहन सड़कर खराब हो रहे है।जिले के नगरीय क्षेत्र में पड़ने वाले थानों में लावारिस वाहनों की संख्या सर्वाधिक ज्ञानपुर, गोपीगंज, औराई,ऊंज थानों में देखी जा रही है। इंन थानों में जब्त्त किए जाने वाले अधिकांश वाहन बाइकें और कार शामिल है। इनके अलावा अन्य बड़े वाहनों की संख्या भी कम नहीं है। सभी वाहनों के सड़ने की वजह से करोड़ों रुपए बर्बाद हो रहे हैं। लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। शासनादेश के बाद भी ऐसे वाहनों की नीलामी नहीं की जा रही है। यदि ऐसे वाहनों की नीलामी कराई जाए तो जहां ऐसे वाहनों को पुन: उपयोग में लाया जा सकेगा, वहीं ईस से लाखों रुपए का राजस्व प्राप्त होगा। लेकिन प्रशासन की लापरवाही व उदासीनता के चलते बर्बाद होने हो रहे हैं। गौरतलब हो कि सड़क हादसे अथवा चोरी में बरामद लिस्ट बनाकर व्यवस्था में सूचना देने का प्रावधान किया गया है लेकिन पुलिसकर्मियों की लचर कार्यशैली के चलते वाहनों के विषय में कोई भी जानकारी प्रकाश में नहीं आ पा रही है । जिन लोगों के वाहन चोरी हो जाते हैं। वह तत्काल संबंधित थानों में रिपोर्ट दर्ज करा देते हैं। और अपने वाहनों की खोजबीन के लिए सैकड़ों बार थानों के चक्कर भी लगाते हैं। परंतु पुलिस के कब्जे में आने वाले वाहनों का न हीं डाटा तैयार किया जाता है और न ही अन्य थानों में सूचना ही दी जाती है थाना में पड़े सड़ रहे हैं।

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