संकल्प सिद्धि के रूप में हनुमानजी वाराणसी के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा अर्पित किए जाने वाले स्वर्ण मुकुट का पीएम ने किया अवलोकन व स्पर्श

ए जावेद

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी से आए डेढ़ किलो के स्वर्ण मुकुट का अवलोकन कर सोमवार को बनारस के प्रबुद्धजनों को सौप दिया। संसद भवन स्थित अपने कार्यालय में मंत्रोच्चार के बीच इस मुकुट को स्पर्श किया। प्रधानमंत्री के रूप में सांसद का चुनाव लड़ने के समय काशीवासियों की ओर से वरिष्ठ पत्रकार डा.अरविंद सिंह ने मनौती मानी थी कि पूर्ण बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बनेंगे तो सवा किलो का मुकुट चढ़ाया जाएगा। कारीगरों की भक्ति की वजह से सवा किलो की बजाय यह डेढ़ किलो का यह मुकुट अद्भुत कला का नमूना बन पाया।

उल्लेखनीय है कि विगत चुनाव के दौरान अक्षय तृतीया के दिन वरिष्ठ पत्रकार डा.अरविंद ने मनौती (संकल्प) मानी थी। नियत कार्यक्रम के अनुसार वाराणसी से वरिष्ठ पत्रकारों के एक शिष्टमंडल के साथ डा.सिंह दिल्ली पहुंचे। उनके साथ वरिष्ठ पत्रकार स्नेह रंजन, राजेंद्र कुमार दुबे, विजय विनीत, आशुतोष सिंह और अनिल अग्रवाल शामिल थे। प्रधानमंत्री ने इस शिष्टमंडल से मुलाकात कर स्वर्ण मुकुट का अवलोकन किया और उसे हनुमत दरबार तक ले जाने को कहा। पीएम मुकुट की सुंदरता देख काफी प्रसन्न हुए। उन्होंने शिष्टमंडल का आग्रह भी स्वीकार किया कि जब भी इसे संकटमोचन हनुमानजी को चढ़ाया जाएगा उस दौरान वो अथवा उनका कोई प्रतिनिधि अवश्य उपस्थित रहेगा।

क्या और कैसा है मुकुट

पूरी तरह स्वर्ण निर्मित मुकट का वजन डेढ़ किलो है। वाराणसी के ही एक प्रतिष्ठित स्वर्ण कला संस्थान में काशी और कोलकाता नौ कारीगरों ने 40 दिनों में निर्मित किया। बेजोड़ कारीगरी के नमूना वाले इस मुकुट में ढाई लाख टांके लगाए गए हैं, जो बेहद आकर्षक और बेजोड़ है।

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