वाहन चोर की जगह लगाया इस नामी अख़बार ने समाजसेवी बिल्डर की फोटो, बिल्डर ने प्रेस वार्ता कर जताया विरोध
मोहम्मद कुमैल
कानपुर. लिपिकीय त्रुटी के कारण एक खबर किसी से जीवन में हलचल ला सकती है। इसका आज एक जीता जागता उदहारण देखने को मिला जब कानपुर के थाना चमनगंज में रविवार को पुलिस ने एक दोपहिया वाहन आर15 पकड़ा। गाड़ी चेकिंग में पकड़ी गई इस गाडी मे एक कार की नम्बर प्लेट लगी थी। मामले में कुल तीन युवको को पूछताछ हेतु पुलिस ने थाने में बैठाया। पूछताछ के बाद दो युवको को मामले में निर्दोष साबित होने पर उन्हें छोड़ दिया और एक युवक खिलाफ कानूनी कार्यवाही करते हुए न्यायालय के समक्ष पेश किया है। इस खबर पर सम्बंधित सभी समाचार पत्रों ने अपने अखबार में जगह दिया।
लेकिन इस प्रकरण में एक नामी प्रातः कालीन समाचार पत्र ने खबर के साथ पकड़े गए युवक की जगह चमनगंज निवासी समाजसेवी और बिल्डर रिज़वान और उसके साले रियाजुल की फोटो प्रकाशित कर दी। समाचार पत्र बाज़ार में आते ही क्षेत्र में मम;ले में सुगबुगाहट होने लगी। सुबह से ही चर्चाओ का दौर चल निकला। लोग इस सम्बन्ध में रियाजुल और रिजवान से मुलाकात करने उनके घर आकर संवेदनाये व्यक्त करने लगे तो वहा रिजवान और रियाजुल को घर पर पाकर दंग रह गये। इसके बाद मामले का संज्ञान आने के उपरांत अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए बिल्डर रिजवान ने एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया।
इस सम्बन्ध में रिजवान ने पत्रकारों से बात करते हुवे बताया की अखबार ने मेरी और मेरे साले की जो तस्वीर प्रकाशित किया गया है वो 12 साल पुरानी तस्वीर है। एक साजिश के तहत 12 साल पहले हम दोनों को जेल भेजा गया था। उसी गह्तना के बाद से रियाजुल सदमे में है और उसका दिमागी सन्तुल खराब हो गया है, जिसका आज भी ईलाज चल रहा है। रियाजुल घर से बाहर भी नही निकलता है। रिज़वान ने ये भी बताया कि कोई मुझसे रंजिश के तहत मुझे बदनाम कर रहा है और मेरी छवि को समाज मे धूमिल कर रहा है। मैं एक समाजसेवक के रूप में लोगो की सहायता करता रहता हूँ। क्षेत्र में मेरा सम्मान एक समाजसेवक के तौर पर है। अपराध से मेरा कोई नाता नही है।
रिज़वान ने पत्रकारों से अनुरोध किया कि कोई भी समाचार प्रकाशित करने से पहले उसकी पुष्टि कर ले, ताकि बिना वजह के समाज मे छवि धूमिल न हो। रिजवान ने कहा की मैं लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के विरुद्ध कुछ नही कह सकता हु क्योकि समाज आज भी सच का आईना पत्रकारों के द्वारा ही देखता है। मेरा नम्र निवेदन इस सम्मानित समाचार पत्र से है कि वह इस खबर का खंडन छापे जिससे समाज में धूमिल हुई मेरी छवि को कुछ सहारा मिल जाये।