मोबलीचिंग के विरोध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखने वाले 49 हस्तियों के खिलाफ बिहार की एक अदालत में याचिका हुई दाखिल
अनिल कुमार
पटना. बीते मंगलवार को देश में भीड़ हिंसा की बढ़ती संख्या को देख चिंता व्यक्त करते हुए श्याम बेनेगल सहित 49 फिल्मी हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला खत लिखा था। इसके साथ ही उन्होंने ‘जय श्री राम’ के नारे के एक हथियार के रूप में इस्तेमाल पर चिंता जताई थी, जिसकी वजह से कई लिंचिंग की घटनाएं हो चुकी हैं।
इन 49 हस्तियों के खिलाफ पहले तो रुपहले पर्दे से राजनीत में आने को तैयार कड़ी कंगना रानौत ने विरोध किया था। अभिनेत्री कंगना रनौत और लेखक-गीतकार प्रसून जोशी सहित 61 हस्तियों ने विरोध किया था। इन 61 हस्तियों ने 49 फिल्मी हस्तियों द्वारा प्रधानमंत्री को खुला पत्र लिखे जाने की निंदा की थी। इन 61 हस्तियों में सोनल मानसिंह, पंडित विश्व मोहन भट्ट, मधुर भंडारकर, विवेक अग्निहोत्री, अशोक पंडित, पल्लवी जोशी, मनोज जोशी और विश्वजीत चटर्जी जैसी हस्तियां शामिल हैं।
इस पत्र में लिखा गया, 23 जुलाई 2019 को प्रकाशित और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक खुले पत्र ने हमें आश्चर्यचकित कर दिया। राष्ट्र और गणतांत्रिक मूल्यों के 49 हस्तियों ने एक बार फिर से चयनात्मक चिंता व्यक्त की है और एक स्पष्ट राजनीतिक पूर्वाग्रहों और मकसद का प्रदर्शन किया है। पहले का खुला पत्र लिखने में शामिल 49 हस्तियों में अनुराग कश्यप, अपर्णा सेन, अदूर गोपालकृष्णन, मणि रत्नम और कोंकणा सेन शर्मा जैसे दिग्गज शामिल थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए इस पत्र में भारत में भीड़ हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की गई थी।
इन सबके बाद अब एक वकील ने देशद्रोह और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता सुधीर कुमार ओझा ने गवाह के तौर पर अभिनेत्री कंगना रनौत और निर्देशक मधुर भंडारकर और विवेक अग्निहोत्री का भी जिक्र किया है। इनके साथ 58 अन्य हस्तियों ने एक अन्य पत्र लिखकर प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र का विरोध किया था।
ओझा ने आरोप लगाया कि 49 हस्तियों द्वारा पीएम मोदी को पत्र लिखने से देश को छवि को धूमिल हुई है। इसके साथ ओझा ने सभी 49 हस्तियों पर अलगाववादी प्रवृत्ति का समर्थन करने का भी आरोप लगाया है। इस याचिका पर 3 अगस्त को सुनवाई हो सकती है।
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