डीजे बजा तो सभी संबंधित थानाध्यक्षों की होगी ज़िमेदारी
तारिक खान
प्रयागराज ..शादी-ब्याह, पार्टियों और त्योहारों पर तेज आवाज में डीजे बजाकर जश्न मनाना अब दुश्वार हो जाएगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीजे बजाने की अनुमति देने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है बच्चों, बुजुर्गों और अस्पतालों में भर्ती मरीजों सहित मानव स्वास्थ्य के लिए ध्वनि प्रदूषण बड़ा खतरा है। कोर्ट ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को टीम बनाकर ध्वनि प्रदूषण की निगरानी करने और दोषियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
प्रयागराज के सुशील चंद्र श्रीवास्तव की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने दिया है। कोर्ट ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण कानून का उल्लंघन नागरिकों के मूल अधिकारों का उल्लंघन होगा। इसलिए सभी धार्मिक त्योहारों से पहले जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बैठक कर कानून का पालन सुनिश्चित कराएं। कोर्ट ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण कानून का उल्लंघन करने पर पांच साल तक की कैद और एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण कानून के तहत अपराध की प्राथमिकी दर्ज की जाए। कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी सभी संबंधित थानाध्यक्षों की होगी। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह प्रदेश के सभी शहरी इलाकों को औद्योगिक, व्यवसायिक और रिहायशी या साइलेन्स जोन के रूप में श्रेणीबद्ध करें। कोर्ट ने जिलाधिकारी को ध्वनि प्रदूषण की शिकायत सुनने वाले अधिकारी का फोन नंबर सहित अन्य ब्यौरा सार्वजनिक स्थलों पर सूचना बोर्ड लगाकर देने का निर्देश दिया है। शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर जारी करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि कोई भी व्यक्ति ध्वनि प्रदूषण की शिकायत कर सकता है। हर शिकायत रजिस्टर पर दर्ज की जाए, साथ ही इस पर कार्रवाई भी की जाएगी।