दुल्हन को उड़नखटोले में बिदा करवाने का ख्वाब न बन सका हकीकत, आखरी लम्हों में निरस्त हुई अनुमति
जितेन्द्र कुमार
शाहजहांपुर. दुल्हन को उड़नखटोले में विदा कर ले जाने का सपना उस समय टूट गया जब प्रशासन ने हेलीकॉप्टर से विदाई की अनुमति निरस्त कर दी। काफी इंतजार के बाद हेलीकॉप्टर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस लाइन से आई सिपाहियों की गारद लौट गई।
सिकंदराराऊ कस्बा के मोहल्ला हुरमतगंज निवासी सुरेश चन्द यादव फौजी की पुत्री अर्चना की शादी गांव नैनसुख जिला एटा निवासी जगदीश के पुत्र संदीप के साथ तय हुई। शनिवार को विदाई के लिए वर पक्ष द्वारा दिल्ली की एक कम्पनी से हेलीकॉप्टर किराए पर लिया गया था। जिसकी अनुमति उन्होंने जिला प्रशासन से ली थी। गयी थी। शुक्रवार की रात्रि बारात आने के बाद जीटी रोड स्थित श्रीराधा रानी फार्म हाउस में शादी संपन्न हो गई। वहीं शनिवार की सुबह दुल्हन की विदाई को लेकर गांव फरीदाबाद में हैलीपेड का निर्माण किया गया और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस लाइन से आधा दर्जन सिपाहियों की गारद भेजी गई थी।
वहीं अयोध्या मामले पर आने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसला को लेकर मामले की संवेदनशीलता को देखते हुये जिला प्रशासन ने हेलीकाप्टर से विदाई की अनुमति को दोपहर में निरस्त कर दिया। प्रशासन के इस फैसले से नवदम्पति के सपनों पर पानी भिर गया। दोनों के परिवारों में मायूसी छा गई। बाद में दुल्हन की विदाई कार में हुई। एसडीएम विजय कुमार शर्मा का कहना है कि जिला प्रशासन ने हेलीकाप्टर की अनुमति दी थी।
अयोध्या मामले पर आने वाले फैसला को लेकर या तो जिला प्रशासन द्वारा परमीशन को निरस्त किया गया होगा या जहां से हेलीकॉप्टर आना था वहां से उड़ा नहीं होगा जिसकी जानकारी की जा रही है।