नागरिकता संशोधन विधेयक : अगर विधेयक सदन में पास होता है तो अमित शाह पर लगे प्रतिबन्ध –अमेरिकी आयोग

आदिल अहमद

नई दिल्ली। अमित शाह द्वारा पेश किए गए नागरिकता संशोधन विधेयक के लोकसभा में पारित होने से यूएससीआईआरएफ बेहद चिंतित है। आयोग ने कहा, ‘अगर कैब दोनों सदनों में पारित हो जाता है तो अमेरिकी सरकार को गृह मंत्री अमित शाह और मुख्य नेतृत्व के खिलाफ प्रतिबंध लगाने पर विचार करना चाहिए।

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संघीय अमेरिकी आयोग ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक ‘गलत दिशा में बढ़ाया गया एक खतरनाक कदम’ है और यदि यह भारत की संसद में पारित होता है तो भारत के गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। यूएससीआईआरएफ ने सोमवार को एक बयान में कहा कि विधेयक के लोकसभा में पारित होने से वह बेहद चिंतित है।

गौरतलब हो कि लोकसभा ने सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को मंजूरी दे दी, जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है।

यूएससीआईआरएफ ने आरोप लगाया कि कैब आप्रवासियों के लिए नागरिकता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है हालांकि इसमें मुस्लिम समुदाय का जिक्र नहीं है। इस तरह यह विधेयक नागरिकता के लिए धर्म के आधार पर कानूनी मानदंड निर्धारित करता है। उसने कहा, ‘ कैब गलत दिशा में बढ़ाया गया एक खतरनाक कदम है। यह भारत के धर्मनिरपेक्ष बहुलवाद के समृद्ध इतिहास और भारतीय संविधान का विरोधाभासी है जो धार्मिक भेदभाव से ऊपर उठकर कानून के समक्ष समानता की गारंटी देता है।’

आयोग ने असम में चल रही राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) की प्रक्रिया और गृह मंत्री शाह द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी के बारे में कहा, ‘यूएससीआईआरएफ को यह डर है कि भारत सरकार भारतीय नागरिकता के लिए धार्मिक परीक्षण के हालात पैदा कर रही है जिससे लाखों मुस्लिमों की नागरिकता पर संकट पैदा हो सकता है।’

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