देश भक्ति तरानों के साथ मंसूर अली पार्क में आन्दोलनकारीयों ने फहराया तिरंगा

तारिक खान

प्रयागराज। मंसूर अली पार्क में सायरा अहमद द्बारा देश के संविधान को अंग्रेज़ी और हिन्दी में पढ़ कर लोगों को एक एक शब्द दोहराने के साथ फूलों की पंखुड़ियों और सूति डोरी के सहारे देश के परचम तिरंगे को फहरा कर सलामी देते हुए जन गण मन अधिनायक जया है भारत भाग्य विधाता का गायन किया गया। वरिष्ठ कम्यूनिस्ट नेता कुमुदनिपति ने झण्डा फहरा कर एनपीआर एनआरसी और सीएए के खिलाफ हज़ारों लोगों को ७१ वें गणतंत्र की बधाई दी।

वहीं इलाहाबाद के मंसूर अली पार्क में चल रहे सत्याग्रह के १५ वें दिन भारी भीड़ ने इतिहास रच दिया। अब तक की भीड़ का सारा रिकार्ड टूट गया।मंसूर पार्क से लेकर रौशनबाग़ के आस पास की सड़के व गलियाँ जन सैलाब से पट गईं।मंसूर पार्क मे केवल महिलाओं का प्रवेश ही हो पा रहा था। मंसूर पार्क में चल रहे सत्याग्रह मे शामिल तमाम वालन्टियर रात भर ७१ वें गणतंत्र को यादगार बनाने मे लगे रहे। चार चार पाँच पाँच युवक व युवतियों की टोली मुहल्ले मुहल्ले से लोगों को मंसूर अली पार्क में गणतंत्र दिवस पर उपस्थित रहने को प्रेरित करने के लिए लगाई गई थी।

वहीं देर रात आस पास के क्षेत्रों में ज़र्द सफेद और हरे रंग के ग़ुब्बारों से सड़को व मंसूर अली पार्क को सजाया गया। पुरे मंसूर पार्क प्रांगण में हर खम्बे और पेड़ो पर शान से तिरंगा लहराता रहा।वहीं छोटे छोटे बच्चों को उनकी माँ व अभिभावक तिरंगे के लिबास मे लेकर पहोँचे वहीं कुछ बच्चियाँ भारत माता की वेषभूषा मे भी शामिल रहीं। मुख्यअतिथि कुमुदनीपति ने जैसे ही झण्डा फहराया तो तालियों की गड़गड़ाहट के साथ राष्ट्रागीत व सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा व हिन्दुस्तान ज़िन्दाबाद का नारा बुलन्द हो गया।

दिन ढ़लते ढ़लते करैली, करैलाबाग़, शाहगंज,  दरियाबाद, रसूलपुर, चकिया करबला, हटिया, अटाला, दायरा शाह अजमल, बख्शी बाज़ार, रानीमण्डी जैसे इलाक़ो से हज़ारों महिलाओं के हुजूम के साथ कई जुलूस निकले हमे चाहिये एनपीआर से आज़ादी, हमे चाहिये एनआरसी से आज़ादी,हमे चाहिये सीएए से आज़ादी के गगनभेदी नारे लगाते हुए हाथों मे तिरंगा लेकर मंसूर अली पार्क पहोँचे और ज़ोरदार ढ़ग से काले क़ानून को वापिस लेने के संघर्ष मे शामिल रहे। वहीं विधानपरिषद सदस्य बासुदेव यादव भी गणतंत्र की बधाई देने और आन्दोलनरत महिलाओं पुरुषों व बच्चों के बीच पहोँच कर उनका मनोबल बढ़ाया।सै०इफ्तेखार हुसैन,सबीहा ,सऊद अहमद समेत हज़ारों लोगों की उपस्थिति मे तिरंगे को सलामी के साथ संविधान को बचाने की आवाज़ बुलन्द करते हुए सरकार से काले क़ानून के वापिस न होने तक संघर्ष की अलख को इसी प्रकार जलाए रखने की बात बार बार दोहराई जाती रही।

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