पिता को बंधक बनाकर नाबालिग से गैंगरेप, पुलिस ने 7 दिन बाद दर्ज किया मुकदमा

हरमेश भाटिया

रामपुर। रामपुर उत्तर प्रदेश में करीब 7 दिन पहले हुए गैंगरेप मामले में पीड़िता और उसके परिजनों द्वारा बार-बार पुलिस प्रशासन के चक्कर लगाने के बाद पुलिस ने आखिरकार 3 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। ज्ञात हो कि 13 जनवरी 2020 की रात की थाना शहजाद नगर क्षेत्र की घटना है। शुरुआत में तो पुलिस में मामले को संदिग्ध मानते हुए मुकदमा दर्ज नहीं किया। परंतु जब पीड़िता और उसके परिजनों द्वारा जिला प्रशासन के चक्कर लगाना शुरू किया, तो अपनी लाज बचाने हेतु लगभग 7 दिन बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस की लापरवाही देखी जाए तो पीड़िता को अब लगभग 6 दिन बाद मेडिकल के लिए भेजा गया है।

उक्त गैंगरेप का मामला रामपुर के थाना शहजाद नगर क्षेत्र का है, जहां ईट भट्टे पर काम करने वाले मजदूर की नाबालिग बेटी के साथ गत 13 जनवरी की रात को गैंगरेप  किया गया। पीड़िता के पिता का आरोप है कि आरोपियों ने उनके हाथ पैर बांध कर तमंचे के बल पर गैंग रेप किया था। 14 जनवरी की सुबह पीड़िता अपने पिता के साथ थाने गई और उसने अपने साथी आप बीती की जानकारी दी, वही पीडिता के पिता का आरोप है कि पुलिस ने उसकी फ़रियाद नही सुनी और उलटे उसको ही हडकाते हुवे कहा कि अगर रेप की पुष्टि नहीं हुई तो अंदर जाओगे।

पुलिस पीड़िता के साथ घटनास्थल पहुंची और थाने में करीब 3 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद पुलिस ने घटना को ही झूठा बता दिया था। इसके बाद पीड़िता और उसके पिता अगले दिन जिलाधिकारी से मिले और स्थानीय पुलिस पर संगीन आरोप लगाते हुए अपने साथी आपबीती के बारे में मीडिया को बताया। पीड़िता के पिता ने बताया कि मेरे हाथ बांधकर मेरी लड़की के साथ रेप की घटना को अंजाम दिया गया था। परंतु जब हम थाने पहुंचे तो वहां पर हमारी कोई भी सुनवाई नहीं हुई। बल्कि जबरदस्ती हमसे ही मार तोड़ कर फैसला ले लिया गया। हम से लिखवा लिया गया कि हम कोई कार्यवाही नहीं चाहते हैं।

वहीं अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि इससे पहले भी हमें एक शिकायत प्राप्त हुई थी। जिस पर तत्काल थाना अध्यक्ष और क्षेत्राधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। परंतु जब पीड़िता से मुकदमा लिखाने की बात आई तो थाने पर कैमरे के सामने पीड़िता ने किसी भी घटना का होने से मना कर दिया था। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पीड़ित के द्वारा एक लिखित तहरीर भी दी गई थी। जो थाना प्रभारी ने ले ली थी। क्योंकि उस तहरीर में इन्होंने अपने साथ कोई भी घटना घटित होने की सूचना नहीं दी थी। इसलिए कोई भी मुकदमा पंजीकृत नहीं किया गया था। अब इन्होंने मुकदमा पंजीकृत कराने की सूचना दी है तो तत्काल मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। क्योंकि मामला महिला से संबंधित है और महिला को मेडिकल के लिए भी भेजा गया है। विवेचना की जा रही है और तीन अज्ञात के खिलाफ 376d के अंतर्गत मुकदमा लिख दिया गया है

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