खुदरा मुद्रास्फीति की दर दिसंबर 2019 में जोरदार तेजी के साथ 7.35 फीसदी पहुची, बोली प्रियंका गाँधी – भाजपा सरकार ने गरीबो का जेब काट उनके पेट पर लात मारी
आफताब फारुकी
नई दिल्ली: महंगाई की मार और आम नागरिक बेहाल। शायद इसको इसी युक्ति में कहा जा सकता है। सब्जियों के दाम चढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति की दर दिसंबर 2019 में जोरदार तेजी के साथ 7.35 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है। यह इसका पांच साल से अधिक का सबसे ऊंचा स्तर है और भारतीय रिजर्व बैंक की दृष्टि से यह सामान्य स्तर को लांघ चुकी है। इससे पहले जुलाई, 2014 में मुद्रास्फीति 7.39 फीसदी पर चल रही थी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक आलोच्य माह में सब्जियों की कीमतें पिछले साल से औसतन 60.5 फीसदी ऊपर चल रही थीं। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर, 2018 में 2.11 फीसदी और नवंबर, 2019 में 5.54 फीसदी थी।
एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति बढ़कर 14.12 फीसदी पर पहुंच गई। दिसंबर, 2018 में यह शून्य से 2.65 फीसदी नीचे थी। नवंबर, 2019 में यह 10.01 फीसदी पर थी। दालों और उससे जुड़े उत्पादों की मुद्रास्फीति दिसंबर माह में 15.44 फीसदी रही जबकि मांस और मछली की मुद्रास्फीति करीब दस फीसदी रही। केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को चार फीसदी (दो फीसदी ऊपर या नीचे) के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया है। अब यह केंद्रीय बैंक के लक्ष्य से कहीं अधिक हो गई है। रिजर्व बैंक की अगली मौद्रिक नीति समिति की बैठक छह फरवरी को होनी है। दिसंबर की बैठक में केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति की चिंताओं को हवाला देते हुए नीतिगत दर को पूर्वस्तर पर बरकरार रखा था।
वहीं, खुदरा मुद्रास्फीति में तेजी सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था के लिए ‘और भी मुश्किलें” खड़ी करने वाली और इसके चलते रिजर्व बैंक नीतिगत ब्याज दर में कटौती करने से रुक जाएगा। विशेषज्ञों ने सोमवार को चेताया कि भारत के लिए एक ही समय पर आर्थिक गतिविधियों में ठहराव और उच्च मुद्रास्फीति की स्थित में फंसने का खतरा है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के विश्लेषकों ने कहा, “करीब से देखने पर पता चलता है कि मुद्रास्फीति में उछाल अस्थायी प्रकृति का या किसी विशेष कारक की वजह से है। अगर इसे सिर्फ शोर माना जाये तो भी क्या आरबीआई इसे नजरअंदाज कर सकता है? जवाब है नहीं।”
भाजपा सरकार ने गरीबो का जेब काट उनके पेट पर लात मारी – प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने खुदरा मुद्रास्फीति की दर के 7.35 फीसदी तक पहुंच जाने को लेकर मंगलवार को भाजपा सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने गरीब की जेब काटकर उसके पेट पर लात मारने का काम किया है। प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, ‘सब्जियां, खाने पीने की चीजों के दाम आम लोगों की पहुंच से बाहर हो रहे हैं। जब सब्जी, तेल, दाल और आटा महंगा हो जाएगा तो गरीब खाएगा क्या?’ प्रियंका ने आरोप लगाया, ‘ऊपर से मंदी की वजह से गरीब को काम भी नहीं मिल रहा है। भाजपा सरकार ने तो जेब काट कर पेट पर लात मार दी है।’