बोर्ड परीक्षार्थियों को डी जे से पठन पाठन में परेशानी नियमों की अनदेखी
प्रदीप दुबे विक्की
भदोही,गोपीगंज। प्रतिदिन दिल दहला देने वाली आवाज में बजते डीजे निकल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध लागू होने व उल्लंघन नियमों की अनदेखी पर जुर्माना व सजा का प्राविधान है। पर इसके बावजूद कोई असर दिखाई नहीं पड़ता। डीजे की तेज ध्वनि आवाज बड़े-बड़े लोगों के होश उड़ा देती है। वहीं दूसरी ओर डीजे के साथ चल रहे बुजुर्गों की क्या हालत होगी सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
डीजे संचालकों या बारातियों से पूछने पर वह कहते है कि हमारी आदत पड़ गयी है। ये दृश्य रोजाना गुजर रहे बारातों में देखने को मिल रहे है। शादी ब्याह के इस सीजन में तेज आवाज पर बजते डीजे लोगों के लिए परेशानी की वजह बन गए हैं। बोर्ड की परीक्षा चालू है। ऐसे में तेज डी जे की आवाज छात्र छात्राओं की तैयारी प्रभावित कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के डीजे पर प्रतिबंध के आदेश बेअसर साबित हो रहे हैं।सबसे ज्यादा परेशानी बाजार व आसपास रहने वाले लोगो को उठाना पड़ रही है। मोहल्लों में बाराती नाचने लगते हैं उस दौरान उन्हें समय का पता नहीं रहता।
तेज आवाज में डीजे बजता रहता है। जिससे लोगों को कठिनाई हो रही है। घने मोहल्ले से गुजरते डीजे की आवाज इतनी तेज रहती है कि महसूस होता है घर की दिवाले हिल रही है, पलँग हिलने लगते है। देर रात तक निकलने वाले बारातों में बजने वाले डीजे से लोगों की नींद उड़ जाती हैं। लाख चाहने के बाद भी कोई इसकी शिकायत नही कर पाता सोचता है कि आपसी संबंध न बिगड़ने पाए। इसलिए कोई भी शिकायत नहीं करता। फुल बैलूम में डी जे के बजाने से, तेज शोर ध्वनि प्रदूषण में आता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी रात 10 बजे बाद इसके उपयोग पर रोक लगाई हुई है।और नियमों की अनदेखी करने पर जुर्माना के साथ सजा का भी प्रावधान है।