“अच्छे बीते पांच साल, लगे रहो केजरीवाल” नारों के बीच लगातार तीसरी बार अरविन्द केजरीवाल ने लिया मुख्यमंत्री पद की शपथ, जाने कौन कौन हुवे मंत्री

आदिल अहमद/ तारिक खान

नई दिल्ली: अच्छे बीते पांच साल, लगे रहो केजरीवाल के तर्ज पर प्रचंड बहुमत के साथ आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर से दिल्ली के तख़्त पर अपना कब्ज़ा बरक़रार रखा है। अरविन्द केजरीवाल ने सीएम पद पर हैट्रिक लगाते हुवे आज तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लिया। शासन के लिए लम्बी जद्दोहेजद और भारी भरकम लफ्जों और हेट स्पीच पर लीक से अलग हटकर सियासत करते हुवे केजरीवाल ने आज तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ रामलीला मैदान में लिया।

आज दिल्ली के रामलीला मैदान में अरविंद केजरीवाल ने अपनी पूरी कैबिनेट के साथ तीसरी बार शपथ ली। ख़ास बात ये है कि अरविंद केजरीवाल ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में किसी दूसरे राज्य के मख्यमंत्री या दूसरी पार्टी के नेताओं को बुलाने के बजाय दिल्ली के निर्माता के नाम से कई वर्गों के 50 मेहमानों को आमंत्रित किया था। केजरीवाल के साथ दिल्ली सरकार के छह मंत्रियों ने भी शपथ ली। जिनमें मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन, राजैन्द्र पाल गौतम शामिल हैं। ये सभी पिछली सरकार में भी मंत्री रहे हैं।

अरविन्द केजरीवाल के साथ साथ कंधे से कन्धा मिलाकर चलने वाले साथियों ने आज मंत्री पद की शपथ साथ में लिया है। इनमे प्रमुख नामो की हम चर्चा करते चलते है और जानते है उनके व्यक्तिगत जीवन के सम्बन्ध में।

पत्रकार से राजनेता बने मनीष सिसोदिया: 

5 जनवरी 1972 को जन्मे मनीष सिसोदिया ने अपने करियर की शुरुआत पत्रकारिता से की थी। समाचार चैनलों में काम करने के बाद सिसोदिया ने  ‘कबीर’ NGO से एक्टिविज्म के क्षेत्र में क़दम रखा। ‘परिवर्तन’ नाम के एनजीओ के साथ भी काम किया। सूचना अधिकार के अभियान का हिस्सा बने और उन 9 लोगों में शामिल हुए जिन्होंने RTI का मसौदा तैयार किया।

मनीष सिसोदिया ने साल 2006 में केजरीवाल के साथ ‘पब्लिक कॉज़ रिसर्च फाउंडेशन’ बनाया। 2011 में जनलोकपाल बिल आंदोलन में अहम भूमिका निभाई और इसके बाद 2012 में राजनीतिक सफर की शुरआत हुई। अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर आम आदमी पार्टी का गठन किया। 2013 में पटपड़गंज में पहली बार विधायक बने। 2015 में दूसरी बार पटपड़गंज से जीते, अरविंद केजरीवाल सरकार में डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी निभाई।

मनीष सिसोदिया साल 2016 में  100 सबसे प्रभावशाली भारतीय में भी शामिल हो चुके हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य में बेहतरीन काम करने के लिए उन्हें 2019 में चैंपियन चेंज अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है और अब वह तीसरी बार केजरीवाल सरकार में नंबर 2 की पोजिशन संभालने जा रहे हैं।

विवादों और मुसीबतों को पांच साल झेला था बागपत के रहने वाले आर्किटेक्ट सत्येंद्र जैन:

पेशे से आर्किटेक्ट सत्येंद्र जैन का जन्म उत्तर प्रदेश के बागपत में साल 1964 में हुआ था। सत्येंद्र उन खास लोगों में शुमार थे, जिन्होंने अन्ना आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। 2013 में शकूर बस्ती से चुनाव लड़े और मंत्री बने। 2015 में दोबारा चुनाव जीते और स्वास्थ्य समेत कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली।

सत्येंद्र जैन ने मोहल्ला क्लीनिक बनाने में अहम भूमिका निभाई। अपने कार्यकाल के दौरान सत्येंद्र जैन कई विवादों में भी घिरे रहे। बेटी को मोहल्ला क्लीनिक में सलाहकार बनाने पर विवाद हुआ था। इस मामले की जांच सीबीआई को दी गई। इसके अलावा पीडब्लूडी में नियुक्ति को लेकर भी आरोप लगे और सीबीआई के छापे भी पड़े। इसके अलावा साल 2018 में अवैध आय के मामले में ईडी ने पूछताछ भी की थी। अब तीसरी बार मंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने जा रही हैं।

पूर्वांचल के मऊ जनपद के लाल गोपाल राय को भी मिली ज़िम्मेदारी : 

गोपाल राय का जन्म 1975 में उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में हुआ था। लखनऊ में छात्र राजनीति से जुड़े और 1992 में AISA के सदस्य बने। गोपाल राय की गिनती आप के संस्थापक सदस्यों में होती है। 2013 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर बाबरपुर से चुनाव लड़े लेकिन हार गए।

इसके बाद 2014 में ‘मैं भी आम आदमी’ कैंपेनिंग की शुरुआत की। 2015 में दोबारा चुनाव लड़ा और बाबरपुर से जीत दर्ज की। केजरीवाल कैबिनेट में उन्हें परिवहन और श्रम मंत्रालय सौंपे गए। गोपाल राय तीसरी बार शपथ ली।

अधिवक्ता कैलाश गहलोत: 

1974 में दिल्ली में जन्में अरविंद केजरीवाल पेश से वकील हैं। 2005-07 में हाइकोर्ट बार एशोसिएशन के सदस्य भी चुने जा चुके हैं। 2015 में नजफगढ़ से चुनाव जीते थे। केजरीवाल सरकार में कई अहम मंत्रालय संभाले।

अनुभवी है अधिवक्ता राजेन्द्र पाल गौतम: 

राजेंद्र पाल गौतम का जन्म दिल्ली में 1968 में हुआ था। राजेंद्र पेश से वकील हैं और डीयू से कानून की पढ़ाई की है।  राजेंद्र AAP नेशनल एग़्जिक्यूटिव के सदस्य हैं। 2015 में सीमापुरी से चुनाव जीता था और केजरीवाल सरकार में मंत्री बने थे। 2020 में उन्होंने एक बार फिर जीत दर्ज की और केजरीवाल कैबिनेट का हिस्सा बने।

जामिया के पूर्व छात्र है इमरान हुसैन: 

केजरीवाल के करिबियों में गिने जाने वाले इमरान हुसैन का जन्म 1981 में दिल्ली में हुआ था। इमरान ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पढ़ाई की और 2015 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर बल्लीमारान से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। 2015 में इमरान हुसैन ने केजरीवाल कैबिनेट में खाद्य आपूर्ति मंत्री का पद संभाला। 2020 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर जीत दर्ज की और मंत्रिमंडल में अपनी जगह बरकरार रखी।

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