वैलेंटाइन डे पर मुस्लिम युवा ने लिखा डियर पीएम! आप भले ही मेरा लिंच करवा दें, मुझे जेल भिजवा दें, लेकिन मैं आपसे प्यार करता रहूँगा…
ए जावेद
वाराणसी. लोहता क्षेत्र के युवा समाजसेवक शमीम नोमनी ने आज शुक्रवार 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के अवसर पर पीएम मोदी के वाराणसी कार्यालय में जाकर पीएम के नाम एक चिट्ठी लिखी। उन्होंने पीएम मोदी को एक बुके भी भेजा। इस लेटर में शमीम नोमानी ने पीएम मोदी को प्रेम भरा संदेश लिखा।
पत्र में शमीम ने लिखा है कि ‘पीएम मोदी! आप चाहें तो मेरा लिंच भी करवा सकते हैं जैसा की आपके लोगों ने पिछले 6 सालों में देश के अलग अलग हिस्सों में किया है। आप चाहें तो मुझे जेल भी भिजवा सकते हैं, जैसा की आपने देश के तमाम प्यार बांटने वालों के साथ किया। पर मैं फिर भी एक भारतीय मुसलमान होने के नाते आप और आप के लोगों से प्रेम करता रहूँगा। मैंने यह भी सुना था कि आप हम लोगों को हमारे कपड़ों से पहचानते हैं, तो प्रिय प्रधानमंत्री जी मै चाहूंगा कि आप मुझे और मेरे प्रेम निवेदन को मेरे दिल से पहचानते हुए स्वीकार कीजिये। अबकी जब आप बनारस पहुंचिए तो मै चाहूंगा कि आप कबीर और बिस्मिल्ला खान को भी उनको कपड़ों और विचारों से पहचानने की कोशिश कीजिये।’ ये कहना है वाराणसी के मुस्लिम युवा शमीम नोमानी का।
शमीम लिखते हैं कि ‘प्रिय प्रधानमंत्री जी! आप कबीर और बिस्मिल्ला खान की धरती बनारस आ रहे हैं और वो भी मोहब्बत के महीने फरवरी में आप के इस आने की खबर पर हम बनारस के लोगों के दिल की धड़कन उसी तरह बढ़ गयी है, जैसे अपने महबूब के आने की खबर पर बढ़ जाती है। आप का आना लाजिम भी है, क्योंकि आप हमारे सांसद जो ठहरे। वैसे हमें यह भी पता है कि यह प्रेम का महीना आपके के लिए जरा तकलीफ वाला रहा, इस महीने आपको विदेश यात्राएं करने मौका भी नहीं मिला और दिल्ली के चुनाव में एक मफलर वाले के प्रेम के सामने आप और आपके नफरत फैलाने वाले लोग हार गए, पर इसमें नई बात क्या है प्रेम हमेशा से जीतता आया है और नफरत हमेशा हारती आयी है।’
शमीम आगे लिखते हैं कि, ‘आज 14 फरवरी को संत वैलेंटाइन को प्रेम फैलाने की सजा के रूप में तब के तानाशाही ताकतों ने मौत के आगोश में दफन कर दिया था, पर आप देखिये उसके बाद मोहब्बत और ज्यादा तेजी से फैली और नफरत करने वाले हारते गए। आज से 71 साल पहले हमारे देश के मोहब्बत करने वालों ने जब इस देश की बुनियाद रखी तो उन्होंने एक किताब लागू किया जिसे भारत का संविधान कहते हैं। पर मुझे ऐसा महसूस होता है की आप और आप के लोग इस किताब को नहीं मानते। मैं इस मुल्क का एक नागरिक होने की हैसियत से आपको को याद दिलाना चाहता हूँ कि वह मोहब्बत की किताब संविधान आप और आपके लोग पढ़ें और उस पर अमल करें। आप के (सरकार) लोगों ने जिस तरह से दिल्ली में नफरत फैलाया और अब बिहार और बाकि राज्यों में होने वाले चुनावों में उस नफरत के जहर को फैलाने से दूर रहें और मोहब्बत फैलाकर चुनाव जीते।’
शमीम लिखते हैं, ‘हम नफरत फैलाने वाले को प्रेम का संदेश देना चाहते हैं। इस देश में जो लोग नफरत फैला रहे हैं, हम उन्हें प्रपोज कर रहे हैं कि हम उन्हें प्रेम करते हैं। हम उनसे कहना चाहते हैं कि आप हिन्दुस्तानी हैं, हम भी (मुस्लिम) हिन्दुस्तानी हैं और हम उनसे कहना चाहते हैं कि आप बिना किस जाति-भेदभाव के, बिना किसी कपड़े की पहचान के उनसे प्रेम करें।’
आखिर में अपनी बात को समेटते हुए शमीम लिखते हैं कि, ‘अंत में एक बात कहना चाहूंगा आपके लोग नफरत के जहर से बहुत बीमार हो गए हैं, मेरा ये प्रेम पत्र पढ़कर उनको भी सुनाइयेगा, ताकि उनकी बीमारी कुछ ठीक हो सके। मैं आपसे और आपके लोगों से एकतरफा इश्क करता हूँ, और मुझे पता है की एकतरफा इश्क बड़ा तकलीफ वाला होता है, इसलिए आप मेरे प्रेम निवेदन को स्वीकार कीजिये मैं सदैव आपका आभारी रहूँगा।’
इस बारे में पूछने पर शमीम कहते हैं कि भड़काऊ भाषण देने वाले, कौम को बांटने वाले जो लोग हैं हमारा उनको मेसेज है कि, ‘वो बीमार हैं, नफरत एक बीमारी है जो बहुत खतरनाक है। यह बीमारी पूरे समाज को लील जाना चाहता है, पूरे सिस्टम को खा जाना चाहता है। नफरत को स्थापित करने के लिए समाज को जाति, धर्म। समुदाय में बाँट दिया जा रहा है। इसलिए प्रेम बांटिए, ऐसी बाईमारी का क्या फायदा और बीमारी हमेशा ठीक करने के लिए होता है। हम इन लोगों को ठीक करने की दिशा में एक कदम बढ़ा रहे हैं।’
शमीम नोमानी कहते हैं, बीजेपी और आरएसएस ने नफरत की बीज 95 साल पहले ही बोई थी, और अब तक उसका फसल काट रही है। ये सरकार एनआरपी और एनआरसी लाकर हमें हमारे शहर से निकाल देना चाहती है, हम बता दें कि हम जितनी मोहब्बत आपसे करते हैं उससे कहीं ज्यादा अपने शहर अपनी गलियों से करते हैं। अगर हमारा प्यार एकतरफा साबित हुआ तो आप समझिए कितना खतरनाक होगा क्योंकि एकतरफा मोहब्बत खतरनाक के साथ-साथ तकलीफ देह भी होता है। पीएम नरेंद्र मोदी जी…आई लव यू, एंड आई नो यू आलसो लव मी।’